Gwalior News : यातायात सुधारने निर्धारित होंगे ई-रिक्शा के लिये रूट, लॉटरी से होगा मार्गों का निर्धारण

नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह ने जानकारी दी कि शहर के चौराहों को यातायात के लिहाज से सुव्यवस्थित किया जा रहा है। प्रथम चरण में 10 चौराहों का काम हाथ में लिया गया है। साथ ही लेफ्ट टर्न फ्री करने की कार्ययोजना भी नगर निगम द्वारा तैयार कर ली गई है। उन्होंने बताया कि शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिये 70 ई-बसें चलाने की प्रक्रिया प्रचलन में है।

Atul Saxena
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Gwalior News : पर्यावरण को बचाने के लिए अन्य शहरों की तर्ज पर ग्वालियर में भी इलेक्ट्रिक व्हीकल यानि ई रिक्शा चल रहे हैं, ये ई रिक्शे कम किराये में शहर के लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक छोड़ रहे हैं लेकिन इनकी संख्या अधिक होने से और इनके लिए कोई सख्त नियम नहीं होने से ये शहर के यातायात को प्रभावित कर रहे हैं, लेकिन अब जिला प्रशासन ने ई रिक्शा का रूट निर्धारित करने का फैसला किया है।

कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने ली अधिकारियों की बैठक 

चुनावों से फ्री होने के बाद अब जिला प्रशासन शहर की बेतरतीब यातायात व्यवस्था और अन्य बुनियादी जरूरतों पर फोकस कर रहा है, कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने आज सोमवार को नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह एवं अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ शहर के ट्रैफिक प्लान पर विचार मंथन किया। उन्होंने कहा जिला प्रशासन, नगर निगम एवं पुलिस द्वारा शहरवासियों के सहयोग से शहर के ट्रैफिक प्लान को मूर्तरूप दिया जायेगा। साथ ही हर हफ्ते बैठक लेकर शहर की यातायात व्यवस्था की नियमित रूप से समीक्षा भी की जायेगी।

ई रिक्शा के रूट निर्धारित करने के निर्देश  

कलेक्ट्रेट में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर श्रीमती चौहान ने नगर निगम आयुक्त एवं क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी से कहा कि ई-रिक्शा के लिये इस प्रकार से रूट चयनित करें, जिससे ई-रिक्शा चालकों को रोजगार मिलता रहे। साथ ही शहर की यातायात व्यवस्था को सुगम व सुव्यवस्थित बनाया जा सके। उन्होंने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी से कहा कि शहर में चल रहे सभी ई-रिक्शा को एनआईसी में सूचीबद्ध कराएँ। ई-रिक्शा चालकों से तीन-तीन मार्गों की च्वॉइस (पसंद) लें और लॉटरी निकालकर तय करें कि कौनसा ई-रिक्शा किस रूट पर चलेगा।

अलग अलग रूट के लिए अलग अलग रंग की पट्टी ई रिक्शा पर होंगी 

कलेक्टर श्रीमती चौहान ने कहा कि अलग-अलग रूट पर चलने वाले ई-रिक्शा पर अलग-अलग रंग की पट्टियाँ प्रदर्शित कराएँ। उन्होंने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी से यह भी कहा कि राज्य एवं राज्य के बाहर के बड़े-बड़े शहरों में ई-रिक्शों के संचालन को लेकर लागू की गई व्यवस्था के बारे में भी पता करें, जिससे शहर का बेहतर से बेहतर ट्रैफिक प्लान तैयार हो सके।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिये 70 ई-बसें चलाने की प्रक्रिया प्रचलन में 

नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह ने जानकारी दी कि शहर के चौराहों को यातायात के लिहाज से सुव्यवस्थित किया जा रहा है। प्रथम चरण में 10 चौराहों का काम हाथ में लिया गया है। साथ ही लेफ्ट टर्न फ्री करने की कार्ययोजना भी नगर निगम द्वारा तैयार कर ली गई है। उन्होंने बताया कि शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिये 70 ई-बसें चलाने की प्रक्रिया प्रचलन में है।  बैठक में अपर आयुक्त नगर निगम मुनीष सिकरवार एवं क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एच के सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

आईएसबीटी शुरू करने से पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट मजबूत करें

कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने कहा कि शहर में नवनिर्मित आईएसबीटी (अंतर्राज्यीय बस अड्डा) शुरू करने से पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट मजबूत करें, जिससे आईएसबीटी पर पहुँचने वाले यात्रियों को शहर की विभिन्न बस्तियों तक पहुँचने में दिक्कत न हो। उन्होंने आईएसबीटी से शहर के लिये ई-बस सेवा शुरू करने की बात भी कही। प्रयास ऐसे हों कि यात्रियों को आईएसबीटी से अपने घर तक पहुँचने के लिए कम किराए में साधन मिल जाए।

फायर सेफ्टी न होने पर मैरिज गार्डन व नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई करें

कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने कहा कि किसी भी मैरिज गार्डन में लोगों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता न हो। सभी मैरिज गार्डन पर फायर एनओसी अनिवार्यत: होना चाहिए। साथ ही सुरक्षा संबंधी अन्य नियम प्रावधानों का भी सभी मैरिज गार्डन में कड़ाई से पालन कराया जाए। इसी तरह नर्सिंग होम व अन्य अस्पतालों में भी फायर सेफ्टी कानून का कड़ाई से पालन कराने पर उन्होंने बल दिया।

शहर की पेयजल व्यवस्था की जानकारी भी ली

कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने नगर निगम आयुक्त से शहर की पेयजल व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिये किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि शहर की सभी बस्तियों में पेयजल व्यवस्था पर विशेष नजर रखें और जहाँ जरूरत हो वहाँ टैंकर के जरिए भी पेयजल उपलब्ध कराया जाए।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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