ग्वालियर। DRDE यानि रक्षा अनुसन्धान एवं विकास स्थापना ग्वालियर के 200 मीटर के दायरे में हुए निर्माण के मामले में 2015 में दायर की गई एक जनहित याचिका पर एमपी हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने बड़ा फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने 200 मीटर दायरे में आने वाले सभी निर्माण हटाने के आदेश दिए हैं।
जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने आदेश में हाईकोर्ट ने डीआरडीई के 200 मीटर की दायरे से गैर सरकारी व सरकारी भवनों को हटाने की बात कही है । इस आदेश से प्रभावित ऐसे निर्मित गैर सरकारी व सरकारी भवनों की संख्या आधा सैकड़ा से ज्यादा है। याचिकाकर्ता राजेश सिंह के अधिवक्ता धर्मेन्द्र द्विवेदी के मुताबिक अपने इस आदेश में हाइकोर्ट ने 2005 के पहले हुए निर्माणों पर मुआवजा दिए जाने की बात कही है वहीं 2005 के बाद किसी भी निर्माण पर मुआवजे का दावा पेश नहीं किया जा सकेगा। हाई कोर्ट के आदेश के बाद डीआरडीई के 200 मीटर दायरे में रहने वाले लोगो व संस्थान संचालकों की मुश्किलें बढ़ गई है इस आदेश के आधार पर 200 मीटर के दायरे में नगर निगम मुख्यालय, महापौर निवास, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, स्टेडियम सहित वन विभाग का कार्यालय भी आएगा, आपको बता दे कि डीआरडीई के आसपास बिना अनुमति के निर्माणों को लेकर राजेश सिंह द्वारा 2015 में जनहित याचिका दायर की गई थी जिस पर आज ग्वालियर हाइकोर्ट ने अपना फैसला सुनाकर आदेश जारी किया है।