ग्वालियर, अतुल सक्सेना। यदि कोई आपसे ये कहे कि पुलिस ने पुलिस को ही ठग लिया (Police cheated police) तो सुनकर आपको थोड़ा अजीब लगेगा और ये एक कहानी जैसी लगेगी लेकिन ये कहानी नहीं है बल्कि हकीकत है और ये हुआ है मध्य प्रदेश के ग्वालियर में, जहाँ एक पुलिसकर्मी ने ही पुलिसकर्मी को ठग लिया।
ये मामला ग्वालियर के बहोड़ापुर थाना (Gwalior Police) क्षेत्र का है, दरअसल महिला थाने में पदस्थ एएसआई लोकेन्द्र शर्मा एक प्लाट खरीदने की प्लानिंग कर रहे थे, विभाग में ही उनके साथियों ने उन्हें रिटायर्ड टीआई जेपी भट्ट के बारे में जानकारी दी कि उनका कोई प्लाट बहोड़ापुर थाने में बिकाऊ है।य
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अपने ही विभाग के व्यक्ति का नाम सुनकर एएसआई लोकेन्द्र शर्मा ने रिटायर्ड टीआई जेपी भट्ट से मुलाकात की , दोनों के बीच बातचीत हुई और फिर प्लाट का सौदा 8 लाख 50 हजार रुपये में तय हो गया। एग्रीमेंट कर लोकेन्द्र शर्मा ने जेपी भट्ट को 8 लाख 50 लाख रुपये दे दिए।
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पैसा देने के बाद एएसआई लोकेन्द्र शर्मा ने रिटायर्ड टीआई जेपी भट्ट से प्लाट की रजिस्ट्री करने के लिए कई बार कहा , वो आश्वासन देते रहे लेकिन रजिस्ट्री नहीं की। एएसआई को कुछ शक हुआ तो उन्होंने मौके पर जाकर देखा तो वहां कोई प्लाट ही नहीं था। उसे समझ आ गया कि उसके साथ धोखा हुआ है।
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एएसआई ने रिटायर्ड टीआई से अपने पैसे वापस मांगे तो पैसे भी वापस नहीं किये, अपने ही विभाग के कर्मचारी द्वारा ठगी किये जाने से हैरान और परेशान एएसआई लोकेन्द्र शर्मा ने न्यायालय की शरण ली जिसके बाद पुलिस ने रिटायर्ड टीआई जेपी भट्ट के खिलाफ बहोड़ापुर थाने में एफआईआर दर्ज की।
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एडिशनएल एसपी अभिनव चौकसे का कहना है कि शिकायत के आधार पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है, विवेचना की जा रही है। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके हिसाब से नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।