Gwalior जेल भरो आंदोलन में शामिल होने आ रहे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद और सपा विधायक अतुल प्रधान को मुरैना पुलिस ने रोका

Atul Saxena
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Gwalior jail bharo movement : भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद, राष्ट्रीय युवा गुर्जर स्वाभिमान संघर्ष समिति के अध्यक्ष रविन्द्र भाटी, समाजवादी पार्टी के सांसद अतुल प्रधान सहित अन्य कई नेताओं को मुरैना पुलिस ने सरायछोला थाना क्षेत्र के अल्लाबेली चौकी पर बने चेकिंग पॉइंट पर रोक लिया है, ये सभी ग्वालियर में आयोजित जेल भरो आंदोलन में शामिल होने आ रहे थे, इन लोगों को हिरासत में लिए जाने के बाद ग्वालियर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह और एसपी राजेश सिंह चंदेल इनसे बात करने वहां पहुँच गए हैं और उन्हें ग्वालियर नहीं आने की समझाइश दे रहे हैं लेकिन खबर है कि ये सभी नेता ग्वालियर आने की जिद पर अड़े है…

धारा 144 तोड़नी पड़ेगी तो तोड़ेंगे लेकिन वापस नहीं जायेंगे : चन्द्रशेखर आजाद 

चन्द्रशेखर आजाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि गुर्जर आंदोलन के दौरान जिस तरह से ग्वालियर पुलिस ने निर्देश लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किये उन्हें जेल में भेजा हम उनके परिवारों से मिलने आ रहे हैं, उन्होंने कहा कि धारा 144 हो या धारा 188 हो ये जनता के लिए ही है , जरूरत पड़ी तो हमें इसे तोड़ने में भी कोई हर्ज नहीं है , उन्होंने कहा कि हमने ग्वालियर जिला प्रशासन से स्पष्ट कह दिया है कि हम निर्दोष पीड़ित लोगों के परिवारों से मिले बिना यहाँ से जायेंगे नहीं , अभी बातचीत जारी है

पुलिस ने कहा , किसी तरह की अनुमति नहीं है इसलिए रोका है  

एडिशनल एसपी अरविन्द सिंह ठाकुर ने  कहा ये लोग दिल्ली से आये हैं, लेकिन मप्र में आचार संहिता लगी हुई है, ग्वालियर में जेल भरो आन्दोलन के आह्वान इन लोगों ने किया है लेकिन वहां ऐसे किसी कार्यक्रम की कोई अनुमति नहीं हैं, ग्वालियर में धारा 144 भी प्रभावी है इसलिए इन्हें यहाँ रोका गया है, इन लोगों के पास कोई अनुमति नहीं है, इन्हें समझाया जा रहा है..

मुरैना से नितेंद्र शर्मा के साथ ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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