ग्वालियर, अतुल सक्सेना। MP हाई कोर्ट (MP High Court) की ग्वालियर बेंच ने कागजों में चल रहे फर्जी नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निरस्त (Narsingh College recognition canceled)करने के निर्देश राज्य शासन को दिए हैं। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि इन कॉलेजों को मान्यता देने वाले जिम्मेदारों पर भी विभागीय जाँच शुरू की जाये।
मप्र हाईकोर्ट के अधिवक्ता उमेश बोहरे ने ग्वालियर चम्बल अंचल में संचालित फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के खिलाफ ग्वालियर हाई कोर्ट (Gwalior High court) में एक याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि यदि इन फर्जी एक कमरे में संचालित नर्सिंग कॉलेज को बंद नहीं कराया गया तो अप्रशिक्षित हेल्थ वर्कर सामने आएंगे जिससे कहीं ना कहीं मानव जीवन पर भी खतरा हो सकता है।
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याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के निर्देश पर राज्य शासन द्वारा जांच कमेटी गठित की गई। जांच कमेटी को अंचल के सभी 270 नर्सिंग कॉलेजों के वैरिफिकेशन के निर्देश दिए गए। जांच कमेटी ने वैरिफिकेशन के बाद अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपी। हाई कोर्ट ने नर्सिंग काउन्सिल से भी एक रिपोर्ट मांगी थी जिसे नर्सिंग काउन्सिल (MP Nursing Council) ने हाई कोर्ट को सौंप दिया।
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इन रिपोर्ट के आधार पर ही बिना निर्धारित मानक पूरे किए अंचल में संचालित हो रहे 70 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निरस्त करने के निर्देश MP हाई कोर्ट ने दिए हैं। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा है कि इन नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने वाले जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी विभागीय जांच शुरू की जाए।