ग्वालियर, अतुल सक्सेना। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखों (Crackers) के सम्बन्ध में दिए गए आदेश का पालन कराने के लिए ग्वालियर जिला प्रशासन (Gwalior District Administration) सख्त हो गया है। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने अपने अधीनस्थों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ाई से पालन करें। प्रशासन ने रात 8 बजे से 10 बजे तक केवल दो घंटे ग्रीन पटाखे (Green Crackers) चलाने की अनुमति दी है। सुतली बम,लड़ी और अन्य प्रतिबंधित पटाखे ना चलाये जायेंगे, ना बेचे जाएंगे और ना ही भण्डारण किये जा सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश का कड़ाई से पालन कराने के लिए एडीएम इच्छित गढ़पाले ने पुलिस कंट्रोल रूम में एक महत्वपूर्ण बैठक ली। बैठक में अतरिक्त पुलिस अधीक्षक, एसडीएम, सीएसपी, एसडीओपी और थाना प्रभारियों सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। एडीएम गढ़पाले ने निर्देश दिए कि दीपावली, गुरुपर्व व अन्य त्योहारों पर पटाखों की लड़ी, सुतली बम सहित अन्य प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री और प्रतिबंधित पटाखों को चलाने को सख्ती से रोकें। जिस क्षेत्र में प्रतिबंधित पटाखे चलते पाए गए वहां के एसडीएम व थाना प्रभारी इसके लिये जवाबदेह होंगे। एडीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि दीपावली सहित अन्य त्यौहार के दौरान ग्रीन क्रेकर्स पटाखों सहित अन्य गैर प्रतिबंधित पटाखे ही चलाये जा सकेंगे।
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उन्होंने कहा कि आतिशबाजी विक्रेताओं से लड़ी सहित अन्य प्रतिबंधित पटाखों को जमा कराकर उन्हें सुरक्षित तरीके से नष्ट कराएँ। उन्होंने कहा कि आतिशबाजी की दुकानों से पटाखों के सेम्पल लेकर दीनदयालनगर स्थित मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की प्रयोगशाला में जांच कराएं। जिन पटाखों की तीव्रता विस्फोट स्थल से 4 मीटर की दूरी पर 125 डेसीमल से अधिक होगी, उन्हें चलाने पर प्रतिबंध है।
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इसी तरह जिन पटाखों के निर्माण में बेरियम साल्ट सहित अन्य हानिकारक विस्फोटक व रसायनों का उपयोग होता है उनके चलाने पर रोक है। घोषित शांति क्षेत्र मसलन अस्पताल व स्कूल इत्यादि के 100 मीटर के दायरे में पटाखे नहीं चलाए जा सकते। रात्रि 8 बजे से पहले तथा रात्रि 10 बजे के बाद पटाखे चलाने पर प्रतिबंध है।