ग्वालियर। अतुल सक्सेना।
एक शताब्दी से ज्यादा पुराने रियासतकालीन ग्वालियर व्यापार मेले के व्यापारी और मेला प्राधिकरण के पदाधिकारी आमने सामने आ गए हैं। प्राधिकरण ने जहाँ दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया को ऑन लाइन करने की घोषणा कर दी तो व्यापारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। गुरुवार को व्यापारियों ने विरोध करते हुए मेला प्राधिकरण कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और धरना दिया।
दरअसल ग्वालियर व्यापार मेले में दुकानों के आवंटन को लेकर आरोप प्रत्यारोप लगते हैं जिसे दूर करने के लिए मेला प्राधिकरण ने इस साल लगने वाले मेले में दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया को ऑन लाइन करने का फैसला किया है। इसके पीछे मेला प्राधिकरण अध्यक्ष प्रशांत गंगवाल का तर्क है कि इससे आरोप प्रत्यारोप बंद होंगे, दुकानदारों का एकाधिकार खत्म होगा और नये लोगों को रोजगार मिलेगा। जानकारी के अनुसार मेला प्राधिकरण ऑन लाइन आवंटन प्रक्रिया में कुछ सेक्टर की दुकानों के किराये में वृद्धि पर भी विचार कर रहा है जो उसकी आय की बढ़ोत्तरी में मददगार होगा। अभी तक पुराने दुकानदार को प्राथमिकता दी जाती है जिसके कारण नये दुकानदार को मौका कम मिल पाता है।
व्यापारियों ने प्राधिकरण कार्यालय पर किया प्रदर्शन
मेला प्राधिकरण की आवंटन प्रक्रिया ऑन लाइन करने की तैयारी की सूचना लगते ही मेला व्यापारी इकट्ठे हो गए । कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर विरोध जताया। व्यापारियों ने इसे प्राधिकरण अध्यक्ष की मनमानी बताते हुए प्राधिकरण कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर नारेबाजी की और धरना दिया। व्यापारियों ने कहा कि प्राधिकरण की तानाशाही बिल्कुल स्वीकार नहीं की जायेगी।