पवैया की पीड़ा : विश्वभर में देश की यश पताका फहराने वाले ग्वालियर के सपूत अटल जी के जन्म दिन 25 दिसंबर पर “ग्वालियर गौरव दिवस” क्यों नहीं?

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर के सपूत भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) का जन्म दिन 25 दिसंबर पूरे देश में मनाया जाता है, इसी दिन ग्वालियर गौरव दिवस (Gwalior Gaurav Divas)  मनाने का निर्णय पिछले दिनों प्रशासनिक स्तर पर लिया गया था लेकिन पिछले कुछ दिनों से इस दिन आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में फेरबदल के बीच ग्वालियर गौरव दिवस (Gwalior Pride Day) मनाये जाने पर भी संशय शुरू हुआ जिसका विरोध भी सुनाई दिया है।

पवैया ने फेसबुक पोस्ट लिखकर जाहिर की वेदना

भाजपा के प्रखर नेता, अटल जी और राजमाता सिंधिया को अपना आदर्श मानने वाले पूर्व मंत्री जय भान सिंह पवैया (Jai Bhan Singh Pawaiya)  ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई है उन्होंने फेसबुक एक पोस्ट कर अपनी नाराजगी जाहिर की है, पवैया ने लिखा – ग्वालियर गौरव दिवस, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) जी के जन्म दिवस 25 दिसंबर को अब नहीं मनेगा, यह पढ़कर मन में वेदना हुई, इसके पीछे की मंशा क्या है?

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अपने अंदाज में पवैया ने चेतावनी भी दी

उन्होंने आगे लिखा- स्वतंत्र भारत में ग्वालियर के जिस सपूत ने अखिल विश्व में हमारी यश पताका फहराई वह एक और सिर्फ एक अटल जी ही हैं, उनके कद की तुलना नहीं हो सकती , इसलिए ग्वालियर गौरव दिवस 25 दिसंबर को ही होना चाहिए, इसमें किन्तु परन्तु करके उस पुण्यात्मा का अनादर करने की चेष्टा न की जाये।

पवैया ने ट्वीट भी किया

जय भान सिंह पवैया ने ट्वीट में लिखा – ग्वालियर गौरव दिवस अब भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म दिवस (25 दिसंबर) को नहीं होगा, यह समाचार मन को व्यथित करने वाला है। मेरा आग्रह है कि अखिल विश्व में ग्वालियर की यश-पताका के वाहक अटल जी की जन्म जयंती को ही गौरव दिवस मनाया जाये। इसमें ही हमारा गौरव होगा। ग्वालियर में मीडिया से बात करते हुए पवैया ने कहा कि ऐसा विचार क्यों और किसके मन में आया कि ग्वालियर गौरव दिवस अटल जी के जन्म दिवस की जगह और किसी दिन मना लेंगे ये आज नहीं तो कल पता  चल ही जायेगा?

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 

पवैया की पीड़ा : विश्वभर में देश की यश पताका फहराने वाले ग्वालियर के सपूत अटल जी के जन्म दिन 25 दिसंबर पर "ग्वालियर गौरव दिवस" क्यों नहीं?

पवैया की पीड़ा : विश्वभर में देश की यश पताका फहराने वाले ग्वालियर के सपूत अटल जी के जन्म दिन 25 दिसंबर पर "ग्वालियर गौरव दिवस" क्यों नहीं?


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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