गर्भवती पत्नी को छत से फेंका, अस्पताल में भर्ती, हालत नाजुक, आरोपी पति और अन्य ससुरालीजन फरार

गजराज ने आरोप लगाया कि बबलू और रानी के इस अपराध में बबलू की माँ कमलाबाई, देवरानी कमलेश और ज्योति ने भी साथ दिया है।

Atul Saxena
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Jhansi Road Police Station Gwalior

Pregnant wife thrown from roof : ग्वालियर में पति द्वारा अपनी गर्भवती पत्नी को छत से फेंकने का मामला सामने आया है, पति के इस काम में उसकी पहली पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों पर साथ देने का आरोप लगा है, घायल महिला की हालत नाजुक बनी हुई है, पुलिस ने महिला की शिकायत पर पति और अन्य ससुरालियों पर मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।

मामला ग्वालियर जिले के झाँसी रोड थाना क्षेत्र में बसे कोठी गाँव का है, घायल महिला का नाम रचना कुशवाह है, वो गतारी गाँव की रहने वाली है, उसके भाई गजराज कुशवाह के मुताबिक रचना की शादी फरवरी 2024 में बबलू कुशवाह से हुई थी, ये उसकी दूसरी शादी थी पहले पति से उसका तलाक हो चुका था, बबलू ने भी खुद को तलाकशुदा बताया था तो दोनों परिवार इस शादी के लिए तैयार हो गए थे।

चार महीने की गर्भवती है घायल महिला 

गजराज ने बताया कि 1 नवम्बर को मेरी बहन रचना से बबलू की पहली पत्नी रानी से विवाद हुआ, उसके बाद मेरे जीजा बबलू, उसकी पहली पत्नी रानी ने मिलकर उसे छत से फेंक दिया जबकि मेरी बहन चार महीने की गर्भवती है, उसके गर्भ में जुड़वा बच्चे हैं, हमने उसे अस्पताल में भर्ती कराया है जहाँ उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।

पति के अपराध में उसकी पहली पत्नी, माँ सहित अन्य पर साथ देने के आरोप 

गजराज ने आरोप लगाया कि बबलू और रानी के इस अपराध में बबलू की माँ कमलाबाई, देवरानी कमलेश और ज्योति ने भी साथ दिया है, उसने कहा कि बबलू ने हमसे झूठ बोलकर शादी की उसने बोले उसका तलाक हो चुका है, घटना के बाद से बबलू और पूरा परिवार भाग गया है।

आरोपी पति परिवार सहित फरार 

घटना की शिकायत झाँसी रोड थाने में की गई है, पुलिस का कहना है कि शिकायत के आधार पर आरोपियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया है, उनकी तलाश की जा रही है, जल्दी ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा उनके के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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