दो महीने से बिजली गायब, ग्रामीणों ने घेरा ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का बंगला

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Energy Minister Prdyuman Singh Tomar) बिजली समस्या को दूर करने के लिए लगातार  प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनके ही घर यानि ग्वालियर के ही लोग बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं। सोमवार को परेशान  ग्रामीणों ने ऊर्जा मंत्री के बंगले का घेराव किया और चेतावनी दी कि वे तब तक नहीं हटेंगे जब तक समस्या दूर नहीं हो जाती।

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बंगले का घेराव करने पहुंचे ग्रामीण पदमपुर खेरिया गांव के हैं , ये नगर निगम के वार्ड नंबर 62 में आता है। पीड़ित ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे योगेश दंडोतिया का कहना है कि हमारे गांव का ट्रांसफॉर्मर (Transfarmer) दो महीने से खराब पड़ा है। बिजली विभाग के अधिकारियों ने कहा कि 10 प्रतिशत राशि जमा कर दो तो ट्रांसफार्मर बदल देंगे हमने 10 की जगह 30 प्रतिशत राशि भर दी फिर भी ट्रांसफार्मर नहीं बदल रहे।  ग्रामीणों से चेतावनी दी कि ऊर्जा मंत्री के बंगले के बाहर तब तक बैठे रहेंगे जब तक बिजली समस्या दूर नहीं हो जाती।

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ग्रामीणों ने कहा कि बिजली नहीं होने से गांव में डेंगू मलेरिया जैसी संक्रामक बीमारियां फ़ैल रही हैं। उसका जिम्मेदार कौन होगा ? उन्होंने कहा कि बिजली नहीं है फिर भी बिजली कंपनी के अधिकारी मोठे मोठे बिल भेज रहे हैं हम कहाँ से भरेंगे ?

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उधर घेराव की सूचना मिलने पर पहुंचे बिजली कंपनी के डीजीएम गगनदेव शर्मा ने कहा कि पदमपुर खेरिया का ट्रांसफार्मर फेल है उसपर साढ़े तीन लाख रुपये बकाया है, नियमानुसार ट्रांसफर ख़राब होने पर 10 प्रतिशत राशि जमा करने पर ही बदला जाता है, हमने तीन दिन पहले कैम्प भी लगाया था लेकिन ग्रामीणों से 10 प्रतिशत राशि जमा नहीं की। जब ग्रामीण ये राशि भर देंगे तो ट्रांसफार्मर बदल दिया जायेगा।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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