गुम हुआ मोबाइल मिलते ही खिल गया चेहरा, पुलिस ने खोज निकाले 5 लाख के फोन

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  मोबाइल फोन (Mobile Phone) आज के दौर में सबसे महत्वपूर्ण वस्तु है। इंसान की जरूरत बन चुका मोबाइल यदि खो जाता है या चोरी हो जाता है जान ही अटक जाती है। कुछ लोग तो ऐसे होते हैं जो दूसरा मोबाइल तक नहीं खरीद पाते। मोबाइल फोन के महत्व को समझते हुए ग्वालियर एसपी ने मोबाइल चोरी मोबाइल खोने की बात को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए थे जिसके सार्थक परिणाम सामने आये हैं। जब एसपी ने लोगों को बुलाकर उनके मोबाइल वापस किये तो उनके चेहरे की ख़ुशी देखते ही बनती थी।

गुम हुआ मोबाइल मिलते ही खिल गया चेहरा, पुलिस ने खोज निकाले 5 लाख के फोन

गुम हुआ मोबाइल मिलते ही खिल गया चेहरा, पुलिस ने खोज निकाले 5 लाख के फोन

ग्वालियर पुलिस की साइबर सेल (Cyber Cell Of Gwalior Police) ने आज उन लोगों के चेहरों पर मुस्कान लौटा दी जिनके महंगे स्मार्ट फोन या तो कहीं गिर गए थे। एसपी के निर्देश पर साइबर सेल ने ऐसे 25 मोबाइल फोन को केवल एक महीने में ढूंढ निकाला, इन मोबाइल फोन की कीमत करीब 5 लाख रुपये है।

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आज गुरुवार को एसपी ऑफिस (SP Office Gwalior) में उन लोगों को बुलाया गया जिन्होंने मोबाइल खोने की शिकायत की थी। 6 लोग एसपी ऑफिस पहुंचे जिन्हें एसपी अमित सांघी (SP Amit Sanghi) ने अपने हाथ से मोबाइल वापस किये। मोबाइल मिलने के बाद लोगों के चेहरे खिल गए। मीडिया से बात करते हुए एसपी ने कहा कि मोबाइल फोन खासकर स्मार्ट फोन आज बहुत महत्वपूर्ण चीज है। बहुत से लोग बहुत मुश्किल से इन्हें खरीद पाते हैं, इसमें उनका महत्वपूर्ण और निजी डाटा रहता है।

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एसपी अमित सांघी ने कहा कि मैंने निर्देश दिये हैं कि मोबाइल खो जाने या चोरी हो जाने की शिकायत को गंभीरता से लें और मिल जाने पर मोबाइल की जांच करें, मोबाइल के डाटा को चैक करें खो जाने या चोरी जाने के बाद ये किसके हाथ में था , इसका क्या उपयोग हुआ सब पता लगाएं , यदि कोई अपराध बनता है तो दर्ज करें, और फिर सम्बंधित को वापस लौटाएं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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