ग्वालियर।अतुल सक्सेना।
मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से चल रही राजनैतिक उठापटक के बाद भले ही नई सरकार बन गई लेकिन कोरोना जैसे महामारी में भी नेता आरोप प्रत्यारोप से बाज नहीं आ रहे। ऐसे में ग्वालियर के एक कांग्रेस विधायक ने अपने क्षेत्र की जनता की मदद के लिए 15 लाख रुपये देने की घोषणा की है।
ग्वालियर जिले की छः विधानसभा सीटों में से पिछले चुनावों में पांच सीट कांग्रेस और एक सीट भाजपा के खाते में गई थी। खास बात ये कि इनमें से तीन विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर, लाखन सिंह और इमरती देवी कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे जबकि कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल, प्रवीण पाठक अपने क्षेत्र में एक्टिव रहे तो भाजपा विधायक कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाने में व्यस्त रहे। इसी बीच घटे नाट्कीय घटनाक्रम में प्रद्युम्न सिंह, इमरती देवी और मुन्नालाल गोयल ज्योतिरादित्य सिंधिया का समर्थन करते हुए भाजपा में शामिल हो गए। लेकिन लाखन सिंह और प्रवीण पाठक कांग्रेस में ही रहे। खास बात ये है कि कांग्रेस छोड़कर सिंधिया के साथ भाजपा में गए प्रद्युम्न सिंह, मुन्नालाल और इमरती देवी हो या कांग्रेस में ही रहे लाखन सिंह हों सभी ने अपने क्षेत्र की जनता के हितों के लिए बड़ी बड़ी बातें की लेकिन जब कोरोना जैसी महामारी सामने आई तो एक भी सामने नहीं आया। केवल ग्वालियर दक्षिण विधायक प्रवीण पाठक इस समय दिखाई दे रहे हैं। विधायक पाठक ने दो दिन पहले जयारोग्य अस्पताल में कोरोना के लिए बनाये गए आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया और अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जताई जिसके बाद गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के डीन को बदल दिया गया।
बाकी विधायक चुप , विधायक पाठक ने बढ़ाये मदद के लिए हाथ
क्षेत्र की जनता के लिए बड़ी बड़ी बातें करने वाले ग्वालियर जिले के छः विधायकों मे से केवल ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ऐसे हैं जो अपनी विधानसभा के लोगों की मदद के लिए आगे आये हैं। उन्होंने जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को पत्र लिखकर अपने विधानसभा क्षेत्र में अस्पताल में वेंटिलेटर, मास्क, सेनेटाइजर और अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए विधायक निधि से 15 लाख रुपये देने की घोषणा की है और इस राशि को स्वीकृत करने के लिए अनुरोध किया है। हालांकि दो विधायक कांग्रेस के लाखन सिंह और भाजपा के भारत सिंह अब तक चुप हैं जबकि तीन विधायक प्रद्युम्न सिंह, इमरती देवी और मुन्नालाल गोयल अपनी विधायकी खो चुके हैं। बहरहाल अब देखना ये होगा कि क्या कोई अन्य विधायक या बड़ा नेता अपने क्षेत्र की जनता की मदद के लिए कब आगे आते हैं?