पैसे के लेनदेन के विवाद में युवक की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या, आरोपी घर पर ताला डालकर फरार

महाराजपुरा थाना पुलिस, सीएसपी महाराजपुरा फ़ोर्स के साथ पहुंच गए तुरंत ही फोरेंसिक एक्सपर्ट को बुलाया गया, टीम ने शव की पड़ताल की और पंचनामा बनाकर पीएम के लिए भेज दिया।

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर में बेख़ौफ़ अपराधी कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहा है, ये बात अलग है कि पुलिस कुछ ही घंटों में आरोपी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज देती है बावजूद इसके उसे पुलिस का भय नहीं है, आज फिर गोली मारकर दिनदहाड़े एक युवक की हत्या हो गई, आरोपी घर पर ताला डालकर फरार हो गए हैं, पुलिस मामले की तफ्तीश में जुट गई है।

ग्वालियर के महाराजपुरा थाना क्षेत्र के शताब्दीपुरम A ब्लाक में कुछ लोगों ने एकजुट होकर सुनील गुर्जर नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी, शुरूआती जाँच में पता चला है कि आरोपी पक्ष फाइनेंस का काम करता है उनकी  कंपनी पर सुनील का कुछ रुपया बकाया था जिसे लेने वो फाइनेंस कंपनी के ऑफिस शताब्दीपुरम आया था, यहाँ इन लोगों के बीच कुछ विवाद हुआ, और फिर आरोपियों ने सुनील की हत्या कर दी।

मृतक और आरोपियों के बीच था पैसों के लेनदेन का विवाद 

परिजनों की माने तो महाराजपुरा गाँव में रहने वाला सुनील गुर्जर खेती किसानी के साथ साथ प्रॉपर्टी का भी काम करता था उसका पुष्पेन्द्र सिंह भदौरिया की कंपनी के साथ जमीन के सौदों में लेनदेन चलता था, आज उसी के पैसों के लेनदेन पर विवाद हुआ जिसकी परिणिति हत्या के रूप में हुई, परिजनों ने पुष्पेन्द्र सिंह भदौरिया सहित 7-8 लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है।

SP और फोरेंसिक टीम पड़ताल में जुटी  

घटना की सूचना मिलते ही महाराजपुरा थाना पुलिस, सीएसपी महाराजपुरा फ़ोर्स के साथ पहुंच गए तुरंत ही फोरेंसिक एक्सपर्ट को बुलाया गया, टीम ने शव की पड़ताल की और पंचनामा बनाकर पीएम के लिए भेज दिया। एसपी धर्मवीर सिंह भी मौके पर पहुंचे उन्होंने कहा कि शुरूआती पूछताछ में मृतक और आरोपियों के बीच फाइनेंस डिस्प्यूट मालूम चला है, घटना हाल की ही है , पीएम और जाँच पड़ताल के बाद मामले में कुछ कहा जा सकता है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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