जिले का ग्राम रन्हाई कला हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल बना गया है। गांव के रहने वाले एकमात्र मुस्लिम परिवार की बेटी के शादी समारोह को गांव वालो ने यादगार बना दिया। खान परिवार की बेटी रफिया की बारात का स्वागत पूरे गांव के लोगों ने किया ।इस काम में महिलाओ ने भी बराबर की भागीदारी निभाई ।वहीं बारात भी गांव के रहने वाले हिन्दू परिवार के घर से निकली।
दरअसल, रफिया का निकाह विशाखापट्ट्नम के रहने वाले जुबेर खान से तय हुआ था । बारात आयी तो गांववालों ने तय किया की गांव रहने वाले एकमात्र मुस्लिम परिवार में हो रही खुशियों का हिस्सा बनकर वे दूल्हे और सभी मेहमानो का स्वागत करेंगे ।
गांव के लोगों का मानना है कि खान परिवार के विचार सभी हिन्दू परिवारों से विचारो से जुड़े हुए है वो हमारी बेटी है इसलिए हम हमारी बेटी की विदाई कर रहे है । खान परिवार की बेटी की बारात भी गांव के गुर्जर परिवार के घर से निकली । जब बारात और सेहरा बांधे दुल्हा निकला तो ग्रामीणों के हर वर्ग ने खुश होकर फूल बिछाये ।इस दौरान गांव में आतिशबाजी भी की गयी ।
याह्या खान ने चर्चा में बताया की उनका परिवार गांव का एकमात्र मुस्लिम परिवार है ।गांव के सभी लोगों से उनके बेहद मधुर व करीबी संबंध हैं। बेटी के निकाह के मौके पर पूरे गांव से उसे से स्नेह और सम्मान मिला इससे वे अभिभूत है।विशाखापट्टनम से आया दूल्हा भी इस तरह का स्वागत, स्नेह और भाईचारा देखकर बेहद प्रसन्न था।धर्म के नाम पर लड़ने वालों को इस गांव के लोगों से सीख लेनी चाहिए।