प्राइवेट हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित होंगे 20 प्रतिशत बेड

Gaurav Sharma
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होशंगाबाद, राहुल अग्रवाल। कोविड-19 के मरीजों (covid-19 patient) को अब आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme)  के अंतर्गत चिन्हित कर चिकित्सालयों में स्वास्थ्य सुविधाएं/ उपचार उपलब्ध कराया जाएगा। यह आदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मध्यप्रदेश शासन (Public Health and Family Welfare Department, Government of Madhya Pradesh) द्वारा जारी किए गए हैं। जारी आदेशानुसार कोविड-19 से लगातार संक्रमित (corona infected patient) हो रहे व्यक्तियों की संख्या के दृष्टिगत चिन्हित अस्पतालों (selected hospital) में अनिवार्य रूप से कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए 20% आइसोलेशन बेड अनिवार्य रूप से आरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग( Health Department) के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर (District Program Manager)  दीपक डेहरिया ने बताया कि इसके लिए होशंगाबाद (hoshangabad) जिले में आयुष्मान भारत योजनान्तर्गत (Under Ayushman Bharat Scheme) चिन्हित चार चिकित्सालय नर्मदा अपना अस्पताल होशंगाबाद, न्यू पांडे हॉस्पिटल होशंगाबाद, कमलाबाई प्रेम नारायण मालवी अस्पताल होशंगाबाद एवं दयाल मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल इटारसी को चिन्हित किया गया है। चिन्हित अस्पतालों में आरक्षित 20% बेड पर सामान्य रूप से कोविड-19 के मरीजों को सेवाएं प्रदान करेंगे तथा आवश्यक सेवाएं जैसे डायलिसिस, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, कीमोथेरेपी, संस्थागत प्रसव तथा अन्य आवश्यक सेवा जिसकी विभाग को समय-समय पर आवश्यकता होती है तो चिकित्सकीय संस्थान को कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति एवं संभावित व्यक्ति को उनके परिसर में इलाज करने की इजाजत दी जाएगी। जिसके लिए वो भारत शासन एवं मंत्रालय, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ,आईसीएमआर, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के दिए गए निर्देशों का पालन करेंगे। साथ ही क्लीनिकल संक्रमण से बचाव हेतु नियमों का पालन , प्रवेश तथा निर्गम के लिए कोविड से संक्रमित मरीजों एवं समान मरीजों के अलग-अलग व्यवस्था करेंगे। अगर किसी अस्पताल तथा स्वास्थ्य प्रदाय संस्था द्वारा तथा चिकित्सक, नर्स ,सपोर्ट स्टाफ द्वारा कोविड-19 मरीजों के उपचार एवं व्यवस्था में किसी प्रकार की बाधा एवं लापरवाही बरती जाती है तो संबंधित चिकित्सालय के विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन सेक्शन -2, महामारी अधिनियम, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, नर्सिंग होम एक्ट एवं मध्यप्रदेश अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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