5 दिनों में 120 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को पूरी तरह से स्वस्थ्य होने पर किया गया डिस्चार्ज

Gaurav Sharma
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होशंगाबाद/ इटारसी, राहुल अग्रवाल। जिले में कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होने वाले व्यक्तियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। अच्छी खबर है कि जिले के कोरोना संक्रमित व्यक्ति शीघ्र स्वस्थ होकर अपने घर लौट रहे हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.सुधीर जैसानी ने बताया कि पिछले 5 दिनों में 120 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को पूर्णत: स्वस्थ्य होने पर कोविड केयर केन्द्रों से डिस्चार्ज किया गया है।
कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम पूरे समर्पण से दिनरात कार्यरत है। जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमित मरीजों के बेहतर उपचार एवं सुविधाओं के लिए जिले में स्थापित सभी कोविड केयर सेंटर पर माकूल प्रबंध किए हैं।

बेहतर उपचार सेवाओं, गुणवत्तायुक्त भोजन, शुद्ध पेयजल के साथ ही मरीजों के मनोरंजन के लिए चैस, लूडो, कैरम, रोचक किताबे इत्यादि मनारंजन की सामग्रियां कोविड केयर सेंटर पर उपलब्ध कराई गई हैं। कोविड केयर सेंटर पर रोग प्रतिरोधक क्षमता हेतु कारगर आयुष औषधियों एवं हल्दी दूध का भी मरीजों को नियमित सेवन कराया जा रहा है। परिणाम स्वरूप कोरोना संक्रमित मरीज शीघ्र स्वस्थ हो रहें हैं। ज्ञातव्य है कि विगत दिवस जिले में कोविड कमांड कंट्रोल सेंटर की स्थापना की जा चुकी है जिसके माध्यम से एसिम्पटोमेटिक कोरोना पाजिटिव मरीजों की वीडियो काॉलिंग के माध्यम से मॉनीटरिंग एव फालोअप लिया जा रहा है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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