विवाद के चलते पति ने की पत्नी की हत्या, आरोपी गिरफ्तार

Gaurav Sharma
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Indore Crime News

होशंगाबाद/ इटारसी,राहुल अग्रवाल। इटारसी के पथरोटा थाना क्षेत्र में अवैध संबंध के संदेह को लेकर पति और पत्नी के बीच पिछले कई महीनों से चल रहे विवाद में पति ने जंगल में ले जाकर अपनी पत्नी की कुल्हाडी से निर्मम हत्या कर शव को जंगल में फेंक दिया। घटना की जानकारी लगने के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने शव को बरामद कर हत्या में प्रयुक्त कुल्हाडी जब्त कर आरोपी को फिलहाल हिरासत में ले लिया।

क्या है मामला

पथरोटा थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले छीपापुरा निवासी गीता का विवाह सिवनी मालवा थाना क्षेत्र निवासी समोखी के साथ हुआ था। लेकिन विवाह के कुछ वर्षों बाद पति पत्नी में विवाद होने लगा जिसके बाद गीता ससुराल को छोड़कर अपने मायके में आकर रहने लगी थी। जिसके बाद गीता बाई के मायके वालो ने गांव में ही उसके लिए अलग से मकान निर्माण करा दिया था। अलगाव के बाद दोनों पति पत्नी ने अनेको बार संबंध सुधारने का प्रयास किया, लेकिन बातचीत के बाद भी कोई हल नहीं निकल सका। इधर गीता बाई वापस ससुराल आने के लिए तैयार नहीं थी, इसलिए समोखी को उसके चरित्र पर संदेह होने लगा। जिसे लेकर दोनों के बीच आए दिन विवाद भी होता था। लगभग एक माह पूर्व समोखी भी अपना घर छोडकर छीपापुरा में आकर बस गया और अपनी पत्नी पर नजर रखने के लिए साथ रहने लगा। बताया जाता है कि साथ रहने के दौरान भी दोनों में चरित्र के संदेह को लेकर आए दिन विवाद होता था। इसी बीच सोमवार को वह अपनी पत्नी को लकडी बीनने के बहाने जंगल में ले गया और मौका पाकर कुल्हाड़ी से उसकी हत्या कर शव को वहीं फेंककर वापस आ गया। इधर देर रात तक अपनी बहन के वापस नहीं आने पर गीता के भाई ने घर जाकर जानकारी ली थी, लेकिन घर पर मौजूद समोखी ने बात को टाल दिया। जिसके बाद मृतिका के भाई ने पथरिया थाने जाकर गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। मंगलवार को गांव में गीता बाई के लापता होने के बाद जब लोगों ने पति समोखी से चर्चा की तो उसने बातों को अनसुना कर दिया। उसकी बातों पर संदेह होने के बाद ग्रामीणों ने उसे घर में बंदकर इसकी सूचना पथरिया पुलिस को दी।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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