धर्म परिवर्तन नहीं किया तो 10 साल बाद घर से निकाला! पति बच्चों के साथ पीड़िता बैठी धरने पर 

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर में दो धर्मों के बीच रिश्तों की उलझन का एक अनोखा मामला सामने आया है।  10 साल पहले दोनों से समाज के बंधनों की परवाह किये बिना शादी की। अच्छे से जिंदगी चल रही थी।  3 बच्चे भी हो गए, पति ने पत्नी के धर्म को अपना लिया।  लेकिन अब एक लम्बे अरसे के बाद पति के घरवाले महिला से उसका धर्म अपनाने का दबाव बना रहे हैं। लेकिन जब पति पत्नी ने इंकार कर दिया तो दोनों को बच्चों के साथ घर से निकाल  दिया, सामान फेंक दिया । ये परिवार दर दर भटक रहा है अब थक हार कर न्याय की गुहार लेकर महिला पति और बच्चों के साथ लक्ष्मीबाई की समाधि पर धरने पर बैठ गई है। उधर पुलिस का कहना है कि पति पत्नी ने शिकायत की है इसकी जांच की जा रही है।

वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधि परिसर में पति बिट्टू खान और अपनी तीन मासूम बच्चों के साथ हाथ में एक पोस्टर  लेकर बैठी मधु बाथम का गंभीर आरोप है कि उसके ससुराल वाले उसका धर्म परिवर्तन करने का दबाव बना रहे हैं, जबकि पति ने उसके साथ हिन्दू धर्म अपना लिया है।  ना ही वो और ना ही उसका पति मुस्लिम धर्म अपनाना चाहते।  इसी बात से नाराज होकर उसके ससुराल वालों ने उनका सामान फैंक दिया किया और घर से बाहर निकाल दिया।   शिकायत पुलिस में भी की लेकिन पुलिस ने कोई मदद नहीं की।

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दर असल मधु बाथम और बिट्टू खान के बीच 10 साल पहले प्यार हुआ , ये जानते हुए भी कि दोनों के  अलग अलग हैं दोनों ने प्यार को आगे बढ़े और शादी कर ली।  हालाँकि घरवाले इस शादी के लिए राजी नहीं थे लेकिन किसी तरह वे लोग उस समय शांत रहे।  पति पत्नी अपने अपने धर्म के साथ जिंदगी आगे बढ़ा रहे थे, इसी बीच बिट्टू खान को हिन्दू धर्म एक आस्था बढ़ गई और उसने हिन्दू धर्म अपना लिया।  ये बात बिट्टू के परिवार को नागवार गुजरी वे मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाने लगे।

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जब बिट्टू खान और मधु बाथम ने मुस्लिम धर्म अपनाना इस इनकार कर दिया तो उनकी परेशानी बढ़ गई।  मधु बाथम के मुताबिक हमारे इस फैसले से नाराज होकर सास अनीशा बेगम, बड़े भाई टीटू खान, भाभी रेशमा, दूसरे बड़े भाई भइये खान भाभी साइना खान, देवर गोली, नन्द रीना ननदोई नदीम और छोटी ननद निशा खान पिछले कुछ सालों से प्रताड़ित कर रहे हैं। अब हमारा सामान फेंक कर बच्चों और पति के साथ घर से बाहर निकाल दिया है। हम एसपी डीएसपी सभी जगह चक्कर लगा चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही, वे लोग हमें धमकियाँ दे रहे हैं।

उधर पीड़ित महिला का साथ  दे रहे उसके पति का कहना है कि उसने पत्नी के साथ हिन्दू धर्म अपना लिया है तो मेरे परिवार के लोग ही जान से मारने की धमकी दे रहे हैं , उन्होंने कहा है कि तू कहीं दिख गया तो जिन्दा नहीं छोड़ेंगे।  बिट्टू खान का कहना है कि उसे और उसके परिवार को जान का खतरा है। मैं कई दिनों से विश्व विद्यालय थाने के चक्कर लगा रहा हूँ, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।  यदि पुलिस नहीं सुनेगी तो हम खुद ही जान दे देंगे।  अभी एक उम्मीद लिए लक्ष्मीबाई की समाधी के बाहर धरने पर बैठे हैं।  उधर इस मामले में एडिशनल एसपी हितिका वासल का कहना है कि एक महिला अपने पति के साथ आई थी उसे घर से बाहर निकाल दिया गया है।  मामले की जाँच करा रहे हैं।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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