इंदौर : पहले तो 3 महीने के एग्रीमेंट पर पत्नी को किया पड़ोसी के सुपुर्द, अब लगा रहा उसी पर आरोप

Gaurav Sharma
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इंदौर,डेस्क रिपोर्ट। एक द्वापर युग था जहां पांडव द्रौपदी को जुए (Gambling) में हार गए थे। वहीं ये कलयुग है जहां एक आदमी ने अपनी पत्नी (Wife) को एग्रीमेंट (Agreement) पर अपने पड़ोसी (Neighbor) को सौंप दिया। यह मामला कहीं और का नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) का है। जहां कुछ दिनों पहले इंदौर (Indore) के एमआईजी थाना क्षेत्र (MIG Police Station Area) में एक पति ने अपनी पत्नी को एग्रीमेंट (Agreement) पर अपने पड़ोसी को सौंप दिया, जिसकी शिकायत पत्नी ने एमआईजी थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी को गिरफ्तार (Arrested) कर लिया है। पुलिस द्वारा आरोपी से पूछताछ की जा रही है।

इंदौर (Indore) के एमआईजी थाना क्षेत्र के एक कारोबारी ने उसी क्षेत्र के दूसरे कारोबारी को 3 महीने के एग्रीमेंट पर अपनी पत्नी को उसे सौंप दिया था। 3 महीने का एग्रीमेंट खत्म होने के बाद जब पत्नी ने अपने पति के पास वापस आने की बात की तो पति ने तरह-तरह के आरोप लगाकर उसे घर से बाहर कर दिया। जिसके बाद कारोबारी की पत्नी मदद के लिए पुलिस के पास पहुंची, जहां उसकी शिकायत पर पुलिस ने पति को हिरासत में ले लिया है। वहीं पत्नी का कहना है कि उसका पति उसकी प्रोपर्टी हड़पना चाहता है, इसलिए उस पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। पूरे मामले को लेकर पुलिस जांच कर रही है।

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पीड़िता ने बताया कि उसके सास ससुर भी उसे और बच्चों को अपनाने से इंकार कर रहे हैं। पूरे मामले को लेकर एमआईजी पुलिस ने बताया कि इंदौर के अनूप नगर के रहने वाले एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को डरा धमका कर पड़ोसी कारोबारी के साथ 3 महीने तक रहने का एग्रीमेंट (Agreement) कराया था। एग्रीमेंट पूरा होने के बाद जब पीड़िता वापस घर लौटी तो उससे आरोपी ने बच्चों के साथ घर से निकाल दिया। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। एमआईजी थाना की एसआई ने बताया कि अब तक के इन्वेस्टिगेशन में कोई एग्रीमेंट नहीं मिला है। वहीं पूरे मामले पर दहेज प्रताड़ना (Dowry Harassment) का केस दर्ज कर लिया गया है और उसी के आधार पर जांच की जा रही है।

बता दें कि महिला की 3 साल की बेटी और 12 साल का एक बेटा है, जिसे पति और उसके घर वाले दोनों ही रखने से मना कर रहे हैं। वहीं पीड़िता को अपने साथ हुए अत्याचार को लेकर की गई शिकायत के चलते उसे और उसके बच्चों को संपत्ति से बेदखल कर दिया गया है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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