Indore : इंदौर में जनवरी के महीने में प्रवासी भारतीय सम्मेलन और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे में विदेश से भारतीय मेहमानों के आने को लेकर प्रशासन काफी समय से तैयारियों में जुटा हुआ है। जोरों शोरों से इंदौर की साज-सज्जा करने के साथ ही प्रवासी मेहमानों को किसी भी चीज की दिक्कत ना आए और इंदौर की छवि उनके सामने खराब ना हो इसके लिए कड़ी मेहनत प्रशासन कर रहा है।
लेकिन प्रशासन की जिम्मेदारी नाकाम होती नजर आ रही है। क्योंकि होलकरकालीन छतरियों को शहर की पहचान के तौर पर पेश किया जाएगा लेकिन इस पर लगे स्वर्ण कलश चोरी हो गए है। ये सिलसिला बीते दिन सालों से चलता आ रहा है। तीन सालों से छतरियों के शिखर पर चढ़े कलश चोरी हो रहे हैं। नगर निगम प्रवासी भारतीय सम्मेलन से पहले हेरीटेज वाक शुरू करने और छतरियों की सफाई करने में लगा हुआ है लेकिन उन्हें ये नहीं पता है कि कीमती स्वर्ण कलश गायब है। इससे नगर निगम अनजान बना हुआ है।
दरअसल, दो छतरियों से कुल 4 स्वर्ण कलश गायब हो चुके हैं। जानकारी के मुताबिक, कृष्णाबाई होलकर की छतरी का जिम्मा पुरातत्व विभाग के पास है लेकिन ये जिनसे शिखर कलश चोरी हुए हैं उनकी जिम्मेदारी नगर निगम और स्थानीय एजेंसियों को दे रखी है। कृष्णपुरा पर कान्ह नदी के किनारे पर दो छतरियां बनी हुई है एक तुकोजीराव होलकर और दूसरे शिवाजीराव होलकर की। खास बात ये है कि एक ही चबूतरे पर बनी इन दोनों छतरियों के शिखर पर 11-11 स्वर्ण कलश लगाए गए थे। लेकिन अब तक कई स्वर्ण कलश गायब हो चुके हैं।