Indore News- वृद्धा ने खोली प्रशासन की आंख, बोली MY नहीं जाना वो कसाईखाना है

Atul Saxena
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इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी के बुजुर्गो के साथ इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले मामलों ने प्रशासन की संजीदगी की पोल खोल कर रख दी है। बुजुर्गों के साथ निगम द्वारा की गई अमानवीयता का मामला अभी थमा भी नही है कि आज सुबह वायरल हुए एक वीडियो ने सभी की आत्मा को झकझोर कर रख दिया है। जिसके बाद अब एमवाय अस्पताल प्रशासन पर इलाज में की गई लापरवाही को लेकर सवाल उठ रहे है।

वृद्धा बोली – एमवाय नहीं जाना वो तो कसाईखाना है 

इंदौर के बिजासन में एक तख्तनुमा पलंग पर लेटी वृद्धा का हाल चाल गोल्ड कॉइन संस्था के सदस्यों ने जाना तो तुरंत उन्होंने वीडियो बनाया और बाद मे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। दरअसल, अचेत अवस्था मे लेटी वृद्धा के पैर के घाव इतने भर गए थे कि उसमें कीड़े पड़ने लगे। जिसके बाद संस्था के सदस्यों ने उसे इलाज के लिए एमवाय ले जाने के लिए कहा तो वृद्धा ने कहा कि वो अस्पताल नही बल्कि कसाईखाना है और वहां इलाज कराने के बाद ही उसकी हालत ऐसी हुई है, मैं जहर खा लूंगी लेकिन एमवाय नहीं जाउंगी। इसके बाद समझाईश देकर वृद्धा को अरविंदो अस्पताल ले जाया गया जहां अब वृद्धा के पैर का ऑपरेशन होगा और वृद्धा के इलाज का खर्च भी अस्पताल स्वयं वहन करेगा।

नगर निगम ने बेसहारा बजुर्गों की मदद के लिए गठित किये दल 

वृद्धा का नाम पुष्पाबाई है और उसने डबल एमए तक शिक्षा प्राप्त की है। कुछ समय पहले तक वह वल्लभ नगर में रहती थी। वायरल वीडियो के सामने आने के बाद हरकत में आये निगम प्रशासन ने एक नए अभियान की शुरुआत की है जिसके तहत भिक्षुकों और बुजुर्गों के सर्वे के अलावा बेसहारा लोगों की मदद के लिए नगर निगम ने बनाया ठोस प्लान के साथ काम करेगी। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि प्रभावितों की मदद के लिए तीन दलों का गठन किया गया है। तीनों टीमें बेसहारा लोगों की मदद के लिए शहर भर में सक्रिय रहेगी और परेशानी से जूझ रहे लोगों को निगम द्वारा तय किए गए मेरिज गार्डन में शिफ़्ट करेगी। जहां प्राथमिक इलाज सहित इन्हें सभी सुविधाएँ मुहैया करवाई जाएँगी।   इसके बाद उन्हें वृद्धाश्रम में शिफ्ट किया जाएगा। वही निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने इस महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए जनता की भागीदारी भी सुनिश्चित की है जिसके लिए जल्द ही हेल्प लाइन नंबर जारी किया जाएगा। जनता हेल्प लाइन नम्बर के ज़रिए बेसहारा लोगों की सूचना निगम को देकर मदद में भागीदारी दे सकेगी।

कलेक्टर आये हरकत में,एमवाय अधीक्षक को जाँच के आदेश  

इधर, बेहद संवेदनशील मामले के सामने आने के बाद इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह भी एक्शन में आये।  उन्होंने अरविंदो अस्पताल प्रबंधन से बात की जहाँ वृद्धा का पैर जल्द ठीक होने की बात डॉक्टर्स ने की है। कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि वृद्धा पहले वल्लभ नगर और उसके पहले बड़ा गणपति क्षेत्र में अपने मकान में रहती थी लेकिन रिश्तेदारों ने उसके मकान पर कब्जा कर लिया था जिसके बाद वो ऐसी स्थिति में पहुंची है फिलहाल, इस पूरे मामले में एमवाय अस्पताल में दोषी स्टाफ को लेकर भी कलेक्टर मनीष सिंह एमवाय अधीक्षक को जांच के निर्देश दिए है। फिलहाल, ताजा मामले के सामने आने के बाद हर कोई हैरान है क्योंकि शहर के कई ऐसे स्थान है जहां ऐसे हालात में बुजुर्ग रहते है लेकिन कोई उनकी सुध नही लेता है और परिणाम कुछ अलग रूप में सामने आते है फिलहाल, इस मामले में वृद्धा का इलाज जारी है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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