कोविड नेगेटिव होने के बाबजूद भी महफूज नहीं जान, 2 प्रतिशत नेगेटिव मरीजों की हो रही मौत

इंदौर, आकाश धोलपुरे। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना उफान पर है और यहां हर रोज 200 से ज्यादा संक्रमित मरीज सामने आ रहे है। वही बुधवार को रिकार्ड 312 पॉजिटिव मरीज सामने आए है। ये आंकड़े तो चिंता बढ़ाने वाले है ही सही, लेकिन इनके अलावा इंदौर की चिंता का सबव ये खबर भी है जिससे ये साफ हो रहा है कि कोरोना की जंग को जीतकर घर लौटने वाले 2 प्रतिशत मरीजों की मौत हो रही है।

कोविड रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद पल भर के लिए आप खुश तो हो सकते हो और शायद ये भी मान सकते है कि आप और आपके अपने काल के द्वार से वापस लौट आये हो। लेकिन इंदौर में कई ऐसे केस भी सामने आ रहे है, जिनमे संक्रमित मरीज के इलाज के बाद उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। लेकिन बाद में उनकी मौत भी हो गई है। इस मामले को लेकर मार्च माह के बाद से ही कोविड पेशेंट्स का इलाज कर रहे अरविंदो अस्पताल के डॉक्टर रवि डोसी ने चौंकाने वाले खुलासे किए है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।