इंदौर//स्पेशल डेस्क रिपोर्ट।
दो दिन पहले तक प्रदेश के जिस शहर को सबसे सुरक्षित माना जा रहा था। अब वो उसी शहर मे बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे है। दरअसल, हम बात कर रहे है देवी अहिल्या की नगरी इंदौर की। जहां बीते 2 दिनों में 10 पॉजिटिव मरीज सामने आए जिनमे से 2 लोग उज्जैन के थे और इन 2 लोगो मे एक महिला की मौत कोरोना की चपेट में आने से हो गई है। वही दूसरे शख्स की मौत तो हो चुकी जा लेकिन उसकी कोरोना जांच रिपोर्ट सामने नही आई है लिहाजा प्रशासन अभी ये साफ नही कर पा रहा है कि 45 वर्षीय युवक की मौत की वजह, आखिर में कोरोना है या कुछ अलग। दरअसल युवक की मौत की खबर तो सामने आ गई है लेकिन कोरोना की वजह से मौत हुआ इसकी पुष्टि जांच रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही हो पाएगी। बता दे कि इंदौर में प्रशासन ने कुल 30 सैम्पल भेजे थे जिनमें 10 लोगो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और इनमें उज्जैन की मृतक महिला भी शामिल है। मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण जाडिया ने इंदौर में मीडिया को बताया कि इंदौर ना सिर्फ अन्य प्रदेशों से लोग आते है बल्कि विदेशों से भी लिहाजा, प्रशासन इस बात को मानकर चल रहा था कि घनी आबादी वाले शहर में कोरोना से प्रभावित लोगों की संख्या ज्यादा हो सकती है। वही उन्होंने ये इंदौर के लोगो से अपील की है कि वो बाहर से आये लोगो की जानकारी तो प्रशासन को दे लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अमले को भ्रामक जानकारी ना दे नही तो ऐसे नाजुक समय मे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का समय बेवजह जाया हो जाता है और इतने समय मे डॉक्टर्स व कर्मचारी जहां जरूरी होगा वहां समय दे पाएंगे। इधर, एक अपील उन्होंने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ से की है की अब तक किसी की पहचान उजागर नही की गई उसी तरह से आगे भी मीडिया लोगो के नाम, जाति और समाज का जिक्र ना करे क्योंकि ऐसे में किसी को व्यक्तिगत तौर पर समाज मे मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
वहीँ निगमायुक्त आशीष सिंह ने कहा कि ये जो आवश्यक वस्तुएँ उनकी सप्लाय बेहतर तरीके से होती रहे इसके लिए नगर निगम द्वारा प्रयास किये जा रहे है कि सुबह 7 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे के बीच 2 – 3 चिह्नित स्थानों से सब्जियों व किराना वस्तुओं का विक्रय हो सके। बता दे कि इंदौर शहर में निगम सीमा क्षेत्र में कुल 85 वार्ड है और यदि निगम यदि आवश्यक वस्तुओं के लिए ये व्यवस्था शुरू करने में कामयाब हो जाता है तो लोगो की सोशल डिस्टेंसिंग कम होने की उम्मीद है क्योंकि आवश्यक वस्तुओं का विक्रय निगम की निगरानी में होगा।