Indore News: कर्फ्यू में जनता को बड़ी राहत, इंदौर कलेक्टर को हाईकोर्ट ने दिए ये आदेश

Pooja Khodani
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इंदौर कलेक्टर

इंदौर डेस्क रिपोर्ट। हाल ही में इंदौर कलेक्टर (Indore Collector) द्वारा कोरोना कर्फ्यू को कड़ाई से लागू कराए जाने के उद्देश्य से फल सब्जी और किराना तक की दुकानो को बंद रखने का नया आदेश जारी किया गया था, जिस पर हाईकोर्ट ने इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह को संशोधित कर जनता को छूट देने के आदेश जारी किए है। जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur Highcourt) में इस संबंध में याचिका लगाई गई थी।हाल ही में  कलेक्टर के इस आदेश पर  बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समेत कई नेताओं ने भी आपत्ति जताई थी।

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दरअसल, कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए इंदौर कलेक्टर ने फल, सब्जियों व किराना तक की दुकानों को बंद रखने के आदेश जारी किए थे। इसके चलते इंदौर की जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था और लोग दूध, सब्जी और फल तक के लिए परेशान हो रहे थे। इस आदेश के खिलाफ जबलपुर के उच्च न्यायालय की खंडपीठ में अधिवक्ता चंचल गुप्ता की ओर से याचिका दायर की गई और अधिवक्ता अभिनव मल्होत्रा द्वारा इस बारे में दिये तर्कों से सहमत होकर उच्च न्यायालय ने यह आदेश दिया है कि कलेक्टर छोटे व्यापारियों व आम जनता के हितों को देखते हुए फल, सब्जी और किराना के विक्रय पर लगी रोक के आदेश में संशोधन करके सभी के हितों को ध्यान में रखकर नया आदेश जारी करें।

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इंदौर कलेक्टर के इस आदेश को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (BJP National General Secretary Kailash Vijayvargiya) ने भी आपत्ति जताई थी। विजय वर्गीय ने इस बारे में ट्वीट भी किया था कि इस तरह का अलोकतांत्रिक व अप्रजातांत्रिक निर्णय जो इंदौर की जनता पर थोपा गया है इसमें संशोधन होना चाहिए। इंदौर में भी कई लोगों ने इस बारे में अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए इस निर्णय का विरोध किया था। अब हाई कोर्ट का निर्णय आने के बाद प्रशासन इस बारे में क्या आदेश जारी करता है,यह देखने वाली बात है


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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