इंदौर| भ्रष्टाचार के लिए बदनाम आबकारी विभाग में अब एक और नया कारनामा सामने आया है| दो बड़े अधिकारियों पर मुख्यमंत्री के नाम से रिश्वत लेने का गंभीर आरोप लगा है| एक शराब ठेकेदार ने शपथ पत्र सहित डिटेल शिकायत लोकायुक्त को की है| जिसके बाद महकमे में हड़कंप मच गया है| वहीं अधिकारियों की कारगुजारी की चर्चा सोशल मीडिया पर विभाग की किरकिरी करा रही है|
दरअसल, शराब ठेकेदार प्रवीण शिवहरे ने आबकारी आयुक्त रजनीश श्रीवास्तव और ग्वालियर के प्रभारी उपायुक्त शैलेश सिंह पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाए हैं| 23 मार्च को शिवहरे ने शपथ पत्र सहित डिटेल शिकायत लोकायुक्त को की है| जिसमें दिनांक 31 अगस्त 2018 तक 2 करोड़ 47 लाख 87 हजार जमा करने के बाद भी मोटी रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है| रिश्वत नहीं देने पर माल नहीं देने का आरोप भी लगाया है| शिवहरे के पास ग्वालियर में दो विदेशी शराब दुकानें हैं जो कमला इंफ्राट्रेडकॉम प्राइवेट लिमिटेड नाम की फर्म जिसका समूह लाइसेंस क्रमांक जीडब्ल्यूएल/एफ-08 है के नाम से ले रखी है|
ठेकेदार शिवहरे ने शपथ पत्र सहित की शिकायत में गंभीर आरोप लगाया है | जिसमे कहा गया है कि आबकारी आयुक्त रजनीश श्रीवास्तव और ग्वालियर के प्रभारी उपायुक्त शैलेश सिंह यह कहकर रिश्वत की मांग कर रहे हैं कि उनको मुख्यमंत्री कमलनाथ की तरफ से लोकसभा चुनाव में चंदा उगाही के लिए कहा गया है| यह भी आरोप है हैं कि आबकारी कमिश्नर श्रीवास्तव और उपायुक्त सिंह ने उससे कहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा कहा गया है कि अगर आबकारी विभाग के हिसाब से लोकसभा चुनाव के लिए फंड नहीं दिया तो लूप लाइन में डाल दिए जाओगे | इस शिकायत के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा हुआ है| आबकारी कमिश्नर पर और भी गंभीर आरोप लगे जिनकी उच्च स्तर से जांच कि जा रही है| वहीं शैलेश सिंह के खिलाफ पूर्व में भी गंभीर शिकायते हो चुकी हैं|