Indore News: तेंदुआ पकड़ने वाले संयुक्त रेस्क्यू टीम का नागरिकों ने किया सम्मान

Atul Saxena
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इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के इंदौर में खंडवा रोड़ स्थित रानीबाग लिम्बोदी के रहवासियों ने सोमवार को तेंदुए (Leopard) को काबू में कर उसे पकड़ने में सफलता हासिल करने वाली रेस्क्यू टीम का सम्मान किया। इस मौके पर रानी बाग लिम्बोदी और शिवधाम कालोनी के लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

बता दे कि शिवरात्रि के एक दिन पहले इंदौर के रानीबाग के एक फार्महाउस में तेंदुए (Leopard) की चहलकदमी देखी गई थी और अगले दिन सुबह से तेंदुआ (Leopard) खूंखार हो गया था और उसने गुरुवार को 5 लोगों  को घायल कर दिया। आदमखोर हालत में तेंदुए (Leopard) का रेस्क्यू शिवधाम कालोनी की एक निर्माणाधीन इमारत में किया गया और इस दौरान बड़ी चपलता से तेंदुए (Leopard) को पकड़ा गया और उसे ट्रेंक्यूलाइज कर उसे बेहोश कर दिया गया। जिसके बाद तेंदुए (Leopard) को इंदौर के ज़ू में लाया गया जहाँ ज़ू प्रभारी डॉ. उत्तम यादव की देखरेख में उसे रखा गया और अब उसे जंगल मे छोड़ दिया गया है।

Indore News: तेंदुआ पकड़ने वाले संयुक्त रेस्क्यू टीम का नागरिकों ने किया सम्मान

लिम्बोदी में आयोजित सम्मान कार्यक्रम में वन विभाग, चिड़ियाघर और पुलिस टीम के सदस्यों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर ज़ू (चिड़ियाघर) प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने कहा कि तेंदुए (Leopard) का रेस्क्यू करते समय हमें वाइल्ड लाइफ कानूनों को ध्यान में रखते हुए एनिमल को कोई नुकसान न पहुंचे इस बात का ध्यान रखने के साथ ही ये भी ध्यान रखना जरूरी होता है कि कही रेस्क्यू दल के सदस्य या आम जनता को एनिमल नुकसान न पहुंचा दे।

Indore News: तेंदुआ पकड़ने वाले संयुक्त रेस्क्यू टीम का नागरिकों ने किया सम्मान

वहीं इस अवसर पर तेजाजी नगर थाना प्रभारी आर.डी. कानवा ने कहा कि अक्सर उत्साहित लोग ऐसे समय में  व्यवस्था बिगाड़ देते हैं ऐसे में पुलिस ने लोगों को सम्भाला। यदि ऐसे समय मे शोर या भीड़ दिखाई देती है तो जानवर उग्र हो जाता है और भागने की कोशिश करता है। वो इतनी अच्छी जगह  बैठ चुका था कि काम करना आसान रहा। हालांकि इस दौरान युवाओं को संभालने के लिए पुलिस को हल्का बल दिखाना पड़ा ताकि व्यवस्था बनी रहे। वहीं जनता ने रेस्क्यू दल का सहयोग किया। उन्होंने बताया कि 2018 में जब वो एरोड्रम थाना क्षेत्र में थे तब भी तेंदुआ (Leopard)  निकला था और उसने कई लोगों को घायल किया था जिसमें फारेस्ट के दो अधिकारी भी शामिल थे क्योंकि वहां एरिया खुला था और यहां जब तेंदुआ (Leopard)  बिल्डिंग में घुसा तो वह विभाग ने उसे रोकने के लिए जालियां लगा दी थी। इसके साथ ही उन्होंने बताया वहां उतनी शांति थी और यहां लोगों ने भी सभी का साथ दिया।

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इधर, रहवासियों में से संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि वन विभाग, पुलिस और चिड़ियाघर की टीम ने साहसिक कार्य किया है और कार्यक्रम के जरिये रहवासियों ने निर्णय लिया कि तेंदुए (Leopard)  के हमले से घायल लोगों की हरसम्भव मदद की जाएगी। साथ ही रेस्क्यू दल को जब भी मदद की जरूरत पड़ेगी तो सभी उनका साथ देंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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