इंदौर, आकाश धोलपुरे
मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना कितनी तेजी से फैल रहा है, इस बात का अंदाज ऐसे लगाया जा सकता है कि जुलाई माह के अंतिम दिन से लेकर अब तक कोरोना ने संक्रमण को एक दोहरा शतक और 10 शतक लगा दिये है। इस दौरान कुल 29 मौतें भी सरकारी आंकड़े में दर्ज हुई है, वही अगस्त के माह में रिकवरी रेट में गिरावट देखी गई जो रिकवरी रेट बीते माह में 75 प्रतिशत तक पहुंच गया था वो अब 65 फीसदी के आस – पास रहा गया है।
इंदौर में कोरोना का कहर
अकेले अगस्त माह में कोरोना संक्रमण के मामले में इंदौर कुल 1,966 पॉजिटिव मरीज सामने आए है। भले ही पॉजिटिव मरीजों की बढ़ती संख्या के मामले में ये तर्क सामने आए कि इंदौर में टेस्टिंग बढ़ाई गई है। लेकिन वास्तविकता तो ये है कि अनलॉक इंदौर में कोरोना तेजी से फैल रहा है। इसी का परिणाम है कि 1,966 संक्रमित और 29 मौत के मामले अकेले अगस्त माह में स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले आये है। ये हम नही कह रहे है इसके गवाह तो वो सरकारी आंकड़े है जो इंदौर सहित समूचे देश के सामने है। एक तरफ जहां पूरे मध्यप्रदेश में अब तक कोविड संक्रमण का आंकड़ा 42 हजार के पार चला गया है, वही कोरोना से हुई मौतो के मामले में ये आंकड़ा 1 हजार के लगभग है।
9 हजार के पार इंदौर में कोरोना के मरीज
इंदौर कि बात की जाए तो यहां संक्रमण की रफ्तार लोगों की आत्मनिर्भरता पर प्रहार करने को आतुर है । गुरुवार रात को जारी सरकारी आंकड़ो के मुताबिक इंदौर में अब तक कुल पॉजिटिव मरीजों कि संख्या 9,414 तक जा पहुंची है और मौत के मामले में ये संख्या 341 तक जा पहुंची है। वही राहत की बात ये है कि 6,191 लोग कोरोना से जंग जीत चुके है और लेकिन एक्टिव केस ( जिनका इलाज अस्पताल में जारी है ) शहर की चिंता बढ़ाने के लिए काफी है। वर्तमान में इंदौर में 2,882 संक्रमित मरीजो का इलाज इंदौर के अलग – अलग कोविड अस्पतालों में चल रहा है।
लोगो के बीच घटती सामाजिक दूरी के चलते बढ़ रहा है कोरोना संक्रमण
इंदौर में स्वास्थ्य विभाग के नोडल ऑफिसर डॉ. अमित मालाकर की माने तो अनलॉक होने के बाद लोगो का मेल मिलाप जमकर हो रहा है। वही उनके मुताबिक सैम्पलिंग बढ़ाये जाने से भी मामले तेजी से सामने आ रहे है। वही डॉ. अमित मालाकर की माने तो अच्छी बात ये है कि अधिकतर केस ए सिम्प्टोमेटिक है जिसके चलते सामान्य तौर पर ऐसे मरीजो को कोविड केयर सेंटर में रखा जा रहा है। अब प्रशासन का टारगेट है कि होम आइसोलेशन को बढ़ावा दिया जाए कुछ पेड (भुगतान) वाले सेंटर भी शुरू किए गए है। वही उन्होंने एन – 95 वाल्व वाले मास्क के बारे में बताया कि वाल्व वाले मास्क पहनने वाले को तो सुरक्षित रखते है लेकिन जब कोई लक्षण नही दिखने वाले मरीज ऐसे मास्क पहनकर जब सांस छोड़ते है तो संक्रमण फैलने का खतरा होता है, इसलिए वाल्व वाले मास्क को प्रतिबंधित किया गया है।
कैसे बचा जा सकता है संक्रमण से
दरअसल, कई भ्रांतियों और अफवाहों के चलते कुछ लोगों को ये लगने लगा है कि उनको कोरोना नहीं हो सकता है और कोरोना जैसी कोई चीज ही नही है। वही ऐसे में लोग सबसे बड़ी गलती ये कर रहे है कि वो घर से निकलते समय तो मास्क पहन रहे है। लेकिन जब किसी से बात करनी हो तो वो मास्क हटा देते है और ये ही मुख्य वजह है संक्रमण के फैलाव की। लिहाजा, अब भी कोविड संक्रमण से बचना है तो ये बात दिमाग मे लोगो को बैठा लेना चाहिए कि आपस एक दूसरे से बात करते या मिलते समय दूरी बनाए रखे। मास्क न उतारे और सेनेटाइजर या साबुन का उपयोग कर हाथों को साफ रखें और मुंह पर हाथ लगाने से बचे क्योंकि आपकी और आपके अपनो की सुरक्षा आपके हाथों में ही है।