इंदौर, आकाश धोलपुरे। मध्यप्रदेश में चावल और गेंहू माफियाओं (Rice and wheat mafia) द्वारा किये जा रहे घोटालों का एक एक कर खुलासा हो रहा है। हाल ही सीएम शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने अनाज माफ़ियाओ के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसके परिणाम आना शुरू हो गए है। इसी के तहत 17 अगस्त की इंदौर की महू तहसील में एक शिकायत की जांच के बाद लगभग 50 करोड़ रुपये के अनाज घोटाले (Grain Scam) का पर्दाफ़ाश किया है।
इस मामले की जांच के दौरान शनिवार को इंदौर जिला कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) महू पहुंचे और उन्होंने बताया कि इस संबंध में दोषियों पर एफ़आइआर दर्ज की गई है और पूरे मामले की विस्तृत जाँच की जा रही है। वही इस मामले में महू के सबसे बड़े राशन सप्लायर के पुराने रिकार्ड खंगालने के बाद घोटाला अरबो तक जा सकता है।
दरअसल, महू एसडीएम अभिलाष मिश्रा को 17 अगस्त को एक शिकायत मिली थी। जिसके बाद जांच में पाया गया कि गरीबो तक पहुंचने वाली राशन सामग्री चावल, गेंहू और केरोसिन को एक बड़े सिंडिकेट द्वारा फर्जी बिल और अनुज्ञा द्वारा निजी तौर पर बेचा जाता था। महू एडीएम अभिलाष मिश्रा (Mhow SDM Abhilash Mishra) ने बताया की मोहन अग्रवाल और उसके दोनों बेटों सहित अन्य व्यापारियों व 4 राशन दुकान संचालकों को आरोपी बनाया गया है और महू पुलिस आरोपियों की तलाश और पूरे मामले की जांच में जुटी है। वही उन्होंने बताया कि इन पूरे सिंडिकेट के तार नीमच और मंडला से भी जुड़े है जिसकी जांच में कई खुलासे हुए है और इस बिंदु पर भी पुलिस आगे जांच करेगी।
प्रारंभिक तौर पर महू के किशनगंज थाना में 1 तो बड़गोंदा थाना में 4 शिकायत दर्ज हुई है। पुलिस के मुताबिक 5 से अधिक आरोपियों पर 2 – 2 हजार का इनाम घोषित किया गया है। वही यदि ये आरोपी सामने नही आते है इनके मकान व दुकान पर कुर्की की कार्रवाई भी की जाएगी। पुलिस के मुताबिक 5 से ज्यादा लोगो को आरोपी बनाया गया है और अलग अलग धाराओं के तहत उन पर प्रकरण दर्ज किया गया हैम
प्राथमिक जांच में महू के सप्लायर मोहनलाल अग्रवाल और उसके दो बेटे तरुण अग्रवाल, मोहित अग्रवाल व सहयोगी व्यापारी आयुष अग्रवाल, लोकेश अग्रवाल और 4 राशन दुकान संचालको पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। राशन माफिय कूट रचित दस्तावेज तैयार सरकारी राशन की हेराफेरी करते थे। इस पूरे सिंडिकेट में राशन दुकान संचालकों सहित नागरिक आपूर्ति निगम के एक कर्मचारी की संलिप्तता भी पाई गई है। फिलहाल, इस बड़े राशन घोटाले में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कई बड़े राज खुलने की संभावना है और इस पूरे सिंडिकेट में और भी नाम जुड़ सकते है।