इंदौर , डेस्क रिपोर्ट। इंदौर में देवगुराडिया ट्रेंचिंग ग्राउंड स्टेट बायो -सीएनजी प्लांट ( Bio gas -CNG plant )का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 19 फरवरी को किया जाएगा। बता दें कि यह कार्यक्रम वर्चुअल माध्यम से होगा। इंदौर के ट्रेंचिंग ग्राउंड में स्थापित बायो-सीएनजी प्लांट सीएनजी का उत्पादन करने जा रहा है, जिसमें 96% शुद्ध अवस्था में मीथेन गैस होती है।
इंदौर में स्थापित यह प्लांट पर्यावरण संरक्षण में एक बहुत बड़ा योगदान देगा । बता दे कि , बायो सीएनजी का उत्पादन करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला 550 मीट्रिक टन जैविक कचरा भारत के 1 लाख 30 हजार मीट्रिक टन उत्सर्जन को नियंत्रित करने में योगदान देगा। जो शहर में ग्रीन हाउस इफेक्ट और ग्लोबल वॉर्मिंग को भी नियंत्रण करने का काम करेगा। सूत्रों के मुताबिक इस प्लांट में हर दिन करीब 17500 केजी बायो सीएनजी का उत्पादन किया जाएगा । जिसका इस्तेमाल सिटी बसों में इंधन के रूप में किया जा सकेगा। इस प्लांट से लगभग 400 सिटी बसें एवं 1500 छोटे वाहनों में बायो ईंधन की आपूर्ति की जाएगी।
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सूत्रों के मुताबिक यह बायो -सीएनजी जैविक प्लांट पूरे एशिया में सबसे बड़ा और देश का पहला प्लांट है , जो इंदौर शहर के लिए गर्व की बात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “वेस्ट टू वेल्थ” की अवधारणा को साकार करने के लिए स्वच्छता के क्षेत्र में नए विचार के उद्देश्य से , इंदौर नगर निगम द्वारा गीले कचरे के निष्पादन के लिए 550 मेट्रिक टन हर दिन के क्षमता के साथ बायो सीएनजी प्लांट को स्थापित किया गया है।
प्लांट के स्थापन का फैसला लेने से पहले अच्छी कंपनियों द्वारा गीले कचरे के एक के विगत 1 वर्ष में 200 से अधिक नमूनों के का परीक्षण किया गया था । जिसमें से सिर्फ 0.5 – 0.9% ही रिजेक्ट हुए । CNG plant की खासियत यह है कि, इससे उत्पन्न गैस में मीथेन गैस 96% प्योरिटी में पाई जाती है । इंदौर के कलेक्टर श्री मनीष सिंह का कहना है किगीला कचरा जो सबके लिए परेशानी होता है , वह इंदौर के लिए एक उपलब्धि बन गया है।