Indore की डी फ़्लाई इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट एविएशन क्षेत्र में युवाओं में भर रहा नई उड़ान, पढ़ें पूरी खबर

एविएशन इंडस्ट्री में केबिन क्रू, एयर-होस्टेस, फ्लाइट स्टीवर्ड, केबिन क्रू और ग्राउंड ड्यूटी स्टाफ जैसे कई क्षेत्रों में नौकरी के अपार संभावनाओं से भरे हैं।

D Fly International Institute

Indore News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू अब निजी कार्यक्षेत्र में भी दिखाई देने लगा है। दरअसल, प्रधानमंत्री के चलाए जा रहे जनहित के कार्यों से प्रभावित होकर इंदौर की एक संस्थान ने उड्डयन उद्योग की ओर एक कदम बढ़ाते हुए युवाओं के लिए एक बेहतर संस्थान की शुरुआत 3 साल पहले की है। संस्थान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप उड्डयन योजना के तहत उड्डयन और परिवहन को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे उड्डयन इंडस्ट्री में तेजी से विकास हो रहा है। कई नए एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं। कई नई एयरलाइंस भी आ रही है, जिससे रोजगार के बेहतर अवसर खुल रहे हैं। आपको बता दें कि भारत के अग्रणी संस्थानों मे से एक डी फ़्लाई इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट एविएशन क्षेत्र के युवाओं में नई उड़ान भर रहा है। प्रधानमंत्री के पद चिन्हों पर चलते हुए इंस्टीट्यूट ने यह फैसला किया कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को ट्रेन्ड किया जाए ताकि उनके लिए नौकरी के अवसर खुले।

उड़ान योजना में उठा रहा साहसिक कदम

एविएशन इन्डस्ट्री मे प्रशिक्षण के क्षेत्र में देश का अग्रणी शिक्षण संस्थान डी फ़्लाई इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट भारत के कई राज्यों व महानगरों में युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार के नए अवसर देने के साथ-साथ ही भारत सरकार के महत्वकांक्षी योजना मे से एक उड़ान योजना की तरफ युवाओं को जोड़ने का भी साहसिक कदम भी उठा रहा है।


About Author
Shashank Baranwal

Shashank Baranwal

पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।