सड़क पर पानी बहाना बन सकता है जेब पर खतरा, इंदौर नगर निगम चालानी कार्रवाई के मूड में

Gaurav Sharma
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इंदौर,डेस्क रिपोर्ट। इंदौर (Indore) को फिर से स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन बनाने के लिए नगर निगम (Indore municipal Corporation)  ने कवायद शुरू कर दी है। सड़क (Road) और फुटपाथ (Foothpath) पर पानी फैलाने को लेकर नगर निगम काफी सख्त हो गया है और इसको लेकर इंदौर में सोमवार से चालानी कार्रवाई (Spot Fine) भी शुरू की जाएगी, जिसको लेकर नगर निगम के अधिकारियों द्वारा जल कार्य और स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले को रिपोर्ट भेजकर दिशा निर्देश दिए गए हैं। सड़क और फुटपाथ पर पानी फैलाने को लेकर होने वाली चालानी (Fine) कार्रवाई स्वच्छता सर्वे के तहत पहली बार निगम द्वारा की जा रही है।

बीते दिन निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने अपर आयुक्त को निर्देश दिए थे कि अगर किसी के घर के पोर्च से या गाड़ी धोते वक्त पानी सड़क या फुटपाथ पर बहता है तो उसके खिलाफ चालानी कार्रवाई की जाए। इस कार्रवाई में उन लोगों को भी शामिल किया जाए जो घरों में या घर के बाहर लगे नलों की टोटियों को खुला छोड़ कर फालतू में पानी बहाते हैं। नलों की टोटियों को खुला छोड़ने से पानी तो बहता ही है पर इसके साथ गंदगी और कीचड़ भी फैलती है।

आयुक्त द्वारा दिए गए निर्देश को लेकर अधिकारियों ने तय किया है कि यदि कोई पहली बार पानी फैलाते हुए पाया जाता है तो उससे स्पॉट फाइन 100 रुपए लिया जाएगा।  अगर दोबारा पानी फैलाया जाता है तो 200 रुपए का दंड वसूला जाएगा, लेकिन लापरवाही अगर लगातार जारी रहती है तो चालान की राशि दोगुना होती जाएगी।

अपर आयुक्त बताते हैं कि नर्मदा प्रयोजन के सहायक यंत्री और उपयंत्रीओं स्वास्थ्य विभाग के मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक को निर्देश दिए गए हैं कि वह सोमवार से फील्ड पर रहकर ऐसे लोगों पर निगरानी रखें और उनकी पहचान कर कार्रवाई करें जो लोग घरों या संस्थानों के आसपास पानी को फैलाते हैं। पानी फैलाने पर अगर कार्रवाई नहीं की जाती है तो यंत्री या सीएसआई से जवाब तलब किया जाएगा। जो छोटे होटल और ठेले वाले हैं उन पर भी गंदगी फैलाने को लेकर कार्रवाई की जाएगी।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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