कृषि विधयेक बिल पर कैलाश विजयवर्गीय का बयान, कहा- किसानों के हित में है बिल

Gaurav Sharma
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कैलाश विजयवर्गीय

इंदौर, आकाश धोलपुरे। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने रविवार को इंदौर में नए कृषि विधयेक बिल से लेकर बॉलीवुड सहित तमाम ताजा मुद्दों पर बात की। बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कैलाश विजयवर्गीय लगातार तीसरी बार बीजेपी महासचिव बनाये गए हैं। जिसके बाद उनके नंदानगर स्थित निवास पर उनके चाहने वालों द्वारा बधाई देने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इस बीच मीडिया से बात करते हुए उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के निधन पर कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी से उनकी व्यक्तिगत मित्रता भी थी और विदेश मामलों की बहुत अच्छे नेता को हमने काफी समय से अस्वस्थ थे और एक बार उन्होंने इस बार वापस नहीं लौट पाए में विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

 

इसके साथ ही उन्होंने पंजाब में अकाली दल द्वारा एनडीए से अलग होने पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि यह दबाव की राजनीति उन्हें समझना था। बिल किसानो के हित में है और पंजाब के किसानों का 8% टैक्स अलग लगता है और बिल आने के बाद किसानों को 8% का लाभ होगा। उन्होंने कहा कि बिल का विरोध बिचौलियो और कुछ नेताओ द्वारा कराया जा रहा है। विरोध के कुछ नेता और बिचौलिये लीड कर किसानों को मिस गाइड कर रहे है। ये बिल किसानों के हित में हैं। वही अकाली दल अलग होने से नुकसान पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि आज की तारीख में मोदी जी इतने बड़े नेता हैं, ऐसे छोटे दल के आने, नहीं आने से कोई फर्क नहीं पड़ता। साथ ही उन्होंने कहा कि अकाली दल हमारे बहुत पुराने साथियों में से रहा है उसे हमारे साथ में रहना चाहिए, हमें ऐसी अपेक्षा करते हैं।

 

इधर, महाराष्ट्र में शिवसेना के संजय राउत और देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात पर विजयवर्गीय ने कहा कि राजनीति में ये चलता रहता है। हम लोग भी दिग्विजय सिंह से मिलते रहते हैं। दोनों सदनों में पास किये गए कृषि विधयेक बिल पर बीजेपी महासचिव ने कहा कि देश हित का निर्णय है, हम लोग देश को समझाएंगे कि यह बिल किसानों के हित का है, इसको समझने की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि हम समझाएंगे और लोग समझेंगे भी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ विपक्ष ने, देश में अशांति फैला कर गुमराह करने की कोशिश की थी और बाद में आंदोलनकारियों को भी समझ में आया था कि उनसे क्या गलती हो रही थी। उन्होंने बताया कि मेरी सोच है कि किसानों आंदोलन के वक्त भी ऐसा ही होगा किसान भाईयो को नेताओं द्वारा मिसगाइड किया जा रहा है।

इधर, बॉलीवुड में ड्रग मामलों की परतें खुलने पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह शर्मनाक है, यह उसका काला चेहरा है। मैं कला और संस्कृति की बहुत इज्जत करता हूं उसके पीछे इस तरह की घटना का होना बेहद शर्मनाक है। यह समाज को गलत दिशा देती है। जब उनसे सवाल किया गया क्या दीपिका पादुकोण जेएनयू में गई थी, इसे लेकर दीपिका को टारगेट किया जा रहा है तो उन्होंने कहा कि हमारे कहने से तो उन्होंने चैट की है या नहीं यह सब एजेंसियो ने पकड़ा है। वही उन्होंने कहा कि जेएनयू में तो कोई भी जा सकता है बहुत सारे लोग गए हैं उससे कोई फर्क नहीं पड़ता।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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