इंदौर। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने गुरूवार को पीएससी 2018 मेंस परिक्षा के नतीजे घोषित कर दिये हैं। किसी तरह का विवाद न हो इसलिए आयोग ने पहली बार बड़ा बदलाव किया है। इस बार सिर्फ रोल नंबर के आधार पर ही नतीजे घोषित किए गए हैं। पीएससी-2017 के परिणाम में जैन समुदाय के कई छात्रों ने परीक्षा पास की थी। उनकी संख्यों को लेकर आयोग पर सवाल खड़े हो गए थे। जिससे बचने के लिए इस बार आयोग ने दूसरा तरीका अपनाया है। हालांकि, परीक्षार्थियों में इसे लेकर नाराजगी होने की बात सामने आ रही है। जुलाई में चली परीक्षा में 4760 कैंडिडेट शामिल हुए थे। इसमें से 298 पदों के लिए 898 को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है।
इंटरव्यू की डेट नहीं हुई जारी
मेंस पास करने वालों में से जिन कैंडिडेट को इंटरव्यू के लिए चुना गया है उन्हें 20 दिसंबर तक डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करवा��ा होगा। फिलहाल आयोग ने इंटरव्यू की तारीख का ऐलान नहीं किया है। बताया जा रहा है जनवरी में इंटरव्यू हो सकता है। अनुप्रमाणन के बाद चयनित आवेदकों की सूची और साक्षात्कार तिथि अलग से घोषित की जाएगी।
2017 में यह हुआ था विवाद
पीएससी-2017 के मुख्य परीक्षा में आगर-मालवा केंद्र पर रोल नंबर की एक सीरीज के 17 लोगों का मुख्य परीक्षा में चयन हुआ था। आरोप था कि इस केंद्र से परीक्षा देने वाले 80 प्रतिशत से ज्यादा जैन छात्र पास हो गए थे। रिजल्ट से सामने आया कि 330 सीरीज के चयनित परीक्षार्थियों में 17 एक समुदाय से हैं। कुल 1528 सफल विद्यार्थियों में से 63 इसी समुदाय से हैं। हालांकि पीएससी अफसरों ने गड़बड़ी की आशंका को नकार दिया था। इस विवाद के दौरान पीएससी के परीक्षा नियंत्रक दिनेश जैन और प्रभारी परीक्षा नियंत्रक मदनलाल गोखरू जैन थे। सिंधिया ने ट्वीट से जाहिर की थी नाराजगी: गत वर्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया था, ‘व्यापमं के बाद अब मप्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा भी संदेह के घेरे में आ गई है।’ ‘एक समाज विशेष के परीक्षार्थियों को लाभ पहुंचने की शिकायत सामने आई है। इस सरकार के नुमाइंदों ने मिलकर फिर एक भ्रष्ट खेल को अंजाम दिया।’ ‘मेरी मांग है कि इस शिकायत की गंभीरतापूर्वक ईमानदारी से जांच की जाए, जिससे सत्य सामने आ सके।’