Indore News : इंदौर में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले ने प्रेस क्लब में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कई सारे सवालों के जवाब दिए साथ ही सबसे पहले उन्होंने श्रद्धा मर्डर केस को लेकर बात कही। उन्होंने कहा कि श्रद्धा के 36 टुकड़े हुए इस बात का पता इसलिए चल पाया, क्योंकि उसके माता-पिता को उसकी चिंता थी। लेकिन अगर यह चिंता लगातार होती रहती तो आज वह जिंदा होती। इसके अलावा आगे उन्होंने पत्रकारों को उपाय के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि मैं जो उपाय करने के लिए लोगों को बताता हूं वह शिवपुराण में उल्लेखित है। मैं मन से नहीं बताता।
लेकिन यह भी मानना होगा कि व्यक्ति का जीवन कर्म प्रधान होता है। कर्मों के आधार पर ही व्यक्ति को जीवन में सुख दुख की प्राप्ति होती है। वहीं जब पंडित प्रदीप मिश्रा से कथा की राशि को लेकर उठे सवालों के बारे में पत्रकारों द्वारा पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कथा भाव से की जाती है। यह धन से नहीं होती। भाव से की गई कथा ही सफल होती है। नीमा परिवार के यहां पहली कथा मैंने इंदौर में 11 रूपये की दक्षिणा में की थी। वहीं अपराध को लेकर सवाल के जवाब में पंडित जी ने कहा कि अपराध पुलिस-प्रशासन से नहीं, बल्कि संस्कारों से थमेंगे। सत्संग और संतों के मार्गदर्शन से संस्कारित समाज का निर्माण होगा और अपराधों पर रोक लगेगी।
इंदौर की जनता की तारीफ –
इसके अलावा उन्होंने इंदौर की जनता के बारे में बात करते हुए कहा कि इंदौर के लोगों की जितनी तारीफ करो कम है। कयोंकि इंदौर के लोगों में एक जूनून भरा है। अगर वह किसी बात को ठान लेते हैं तो उसे पूरा कर के ही मानते हैं। काम को पूरा करने के लिए लोग रातभर जाग लेते हैं। जूनून फिर चाहे विद्या अर्जित करने का हो, चाहे अपने कामकाज का हो या फिर भगवत नाम के स्मरण का हो इंदौर के लोग हमेशा आगे रहते हैं। ये बात उन्होंने प्रेसकॉन्फ्रेंस में नहीं बल्कि जहां कथा हो रही थी वहां सभी जनता के सामने कही है।