प्रदेश में आए दिन कमलनाथ सरकार के दावों की पोल खुल रही है।मंत्री बाला बच्चन और लखन घनघोरिया के बाद अब बिजली की समस्या जानने के लिए इंदौर पहुंचे ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह के कार्यक्रम में बत्ती गुल हो गई।इसके बाद मोबाइल टॉर्च और कैमरों के फ्लैश की रोशनी में ऊर्जा मंत्री ने बात की। इसके बाद होटल का जेनेरेटर शुरू हुआ और होटल में रोशनी की व्यवस्था हो गई।
दरअसल,रविवार को बिजली की समस्या जानने के लिए ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह बिजली इंजीनियर और कांट्रैक्टरों के कार्यक्रम में शामिल होने इंदौर पहुंचे थे। शहर के एक होटल में आयोजित इस एक घंटे के कार्यक्रम में चार बार बिजली चली गई। स्थिति यह हो गई कि कैमरे की लाइट में ही मंत्रीजी को कॉन्ट्रेक्टर और इंजीनियर्स से बात करनी पड़ी। यूं बिजली कट जाने से मंत्री जी भी कुछ असहज हो गए।बिजली गुल होने पर बिजली अफसरों में भी हड़कंप मच गया। मंत्री मंच पर बैठे थे और अफसर होटल प्रबंधन से बहस में जुटे थे। होटल में जनरेटर की सही व्यवस्था न होने से बिजली अधिकारी होटल प्रबंधन पर भड़क गए।हालांकि बाद में होटल का जेनेरेटर शुरू हुआ और होटल में रोशनी की व्यवस्था हो गई।बाद में युवा कांग्रेस के शहर अध्यक्ष अमन बजाज ने बिजली कंपनी के अधिकारियों से बात कर कहा कि बारिश और तेज हवा से डेंटल कॉलेज के पास पेड़ गिरा इसलिए आयोजन स्थल पर बिजली गुल हुई थी।
वही कार्यक्रम के बाद मीडिया ने जब मंत्री जी से उनके ही कार्यक्रम में बिजली गुल होने का सवाल पूछा तो मंत्री जी का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। मीडिया पर भड़ास निकालते हुए मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा कि बिजली मंत्री डिस्ट्रीब्यूशन के तार नहीं हैं भइया। क्या बिजली मंत्री ने पेड़ उखाड़कर तारों पर गिराए हैं। बीजेपी की सरकार में भी बिजली जाती थी। उनके समय में भी पेड़ गिरते थे। उनके समय भी ट्रिपिंग होती थी।
बता दे कि यह कोई पहला मामला नही है। हाल ही मंत्री लखन घनघोरिया और गृहमंत्री बाला बच्चन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी बत्ती गुल हो गई थी।इसके पहले स्वास्थ्य मंत्री और डीजीपी की भी बैठक में लाइट चली गई थी। जिसको लेकर सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी। विपक्ष ने इसको लेकर सरकार को निशाने पर भी ले लिया था। वही बीजेपी ने आने वाले बजट सत्र में इस मुद्दे को भी उठाने की बात कही है।