इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। अब प्रदेश के कालेजों में रामचरितमानस पढ़ाई जाएगी, नई शिक्षा नीति के तहत अब प्रदेश के कालेजों में सांस्कृतिक इतिहास से जुड़े पक्ष, नैतिक शिक्षा, रामचरित मानस के साथ ही पशु संवर्धन, जैविक खेती, हार्टिकल्चर जैसे एंप्लॉयमेंट ओरिएंटेड कोर्स संचालित किए जाएंगे। इंदौर में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने सरकारी होलकर साइंस कॉलेज में यह बात कही।
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गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति, 2020 के अनुसार मध्य प्रदेश के कॉलेजों में ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर के छात्रों के पास योग और ध्यान के अलावा महाभारत रामचरितमानस जैसे महाकाव्य भी उनके नए पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे, नए पाठ्यक्रम के अनुसार इस शैक्षणिक सत्र से प्रभावी होने के लिए एप्लाइड फिलॉसफी ऑफ श्री रामचरितमानस को वैकल्पिक विषय के रूप में पेश किया गया है। अग्रेजी के फाउंडेशन कोर्स में फर्स्ट ईयर के छात्रों को सी राजगोलाचारी की महाभारत की प्रस्तावना पढ़ाई जाएगी, राज्य के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अग्रेजी, हिंदी, योग और ध्यान के साथ तीसरा फाउंडेशन कोर्स भी पेश किया गया है। इसमें ओम ध्यान और मंत्रों का उच्चारण शामिल है।
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इंदौर पहुंचे उच्च शिक्षा मंत्री ने इस मौके पर 20 करोड़ रुपए से ज्यादा के विकास कार्यों का लोकार्पण भी किया, उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में तेजी से विकास कार्य हुए हैं। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते चाहे कालेज हो या फिर स्कूल सभी की पढ़ाई प्रभावित हुई लेकिन उसके बावजूद मध्यप्रदेश में शिक्षा को लेकर गंभीर मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद एकेडिमिक कैलेंडर में अच्छा काम किया है,उन्होंने कहा कि अब नई शिक्षा नीति के तहत सभी विवि व कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र का पहला वर्ष सफलता के साथ पूरा किया है और अब सेकंड ईयर की तैयारी है।