वही उन्होंने भगवान राम के मंदिर में मुस्लिम समाज के लोगों को नमाज पढ़ने का न्यौता देने के बयान पर सफाई देते हुए कहा कि बयान को पूरा नही बताया गया है। मैंने आगे क्या बोला है, उसे काटकर बताया गया है। अगर बयान कोई पूरा सुनेगा तो कोई भी सज्जन उसे विवादित नही कह सकता है। दरअसल, रामकथा वाचक मोरारी बापू ने गुजरात के भावनगर के तलगाजरडा गांव के अपने आश्रम में बने रामजी मंदिर में मुस्लिम समाज के लोगों को नमाज पढ़ने का न्यौता देने की बात की थी। जिसके बाद उनका वीडियो वायरल हो गया था और इसी पर दो दिन से बवाल मचा हुआ है।
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सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को लेकर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनके कथा वाचक के काम पर भी सवाल उठा दिये हैं। वायरल वीडियो में वो आश्रम में मुस्लिम समाज के लोगों को संबोधित कर रहे थे। फिलहाल, इंदौर में उन्होंने साफ कर दिया कि उनके संबोधन को काटकर दिखाया गया है और उसे पूरा देखने के बाद कोई भी विवादित नही कह सकता है।
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मेरे पूछे गए सवाल पर कुछ उत्तर नहीं मिला तो मैंने उसका जवाब दिया था कि हम आएंगे नगाड़े लेकर, हमको आरती उतारने दो। वहीँ उन्होंने संतो के राजनीति में आने के सवाल पर कहा कि मैंने डिस्टेंस बनाए रखा है, मैं प्रमाणिक डिस्टेंस से जीता हूँ और मैं संवाद करता हूं।