इंदौर के हनुमान मंदिर के चढ़ावे पर टैक्स डिमांड, आयकर विभाग से जीते ‘रणजीत सरकार’

इंदौर का सबसे चर्चित हनुमान मंदिर एक बार फिर चर्चा का केंद्र बन रहा है। हालांकि इस बार यह मंदिर न किसी धार्मिक आयोजन को लेकर चर्चा में है और न ही किसी विशेष आयोजन को लेकर। इस बार यह मंदिर अपने दान में आए चढ़ावे को लेकर शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।

Rishabh Namdev
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Hanuman temple of Indore: इंदौर के रणजीत हनुमान मंदिर पर इनकम टैक्स विभाग ने ढाई करोड़ के चढ़ावे पर टैक्स डिमांड निकाल दी। जिसके बाद इसके खिलाफ मंदिर प्रशासन ने कमिश्नर के पास अपील की। हालांकि अंत में फैसला मंदिर प्रशासन के पक्ष में आया है। लेकिन इस मामले ने अब शहर में चर्चा बड़ा दी है। क्योकिं इंदौर के सबसे चर्चित हनुमान मंदिर का यह मामला है। हालांकि टैक्स डिमांड के मामले में आयकर विभाग को पीछे हटना पड़ा है।

नोटबंदी के दौरान 2016 में अपना चढ़ावा गिना था:

दरअसल मामला इंदौर के प्रसिद्ध रणजीत हनुमान मंदिर से जुड़ा हुआ है। आपको बता दें जिसके प्रशासक खुद कलेक्टर हैं। जानकारी के अनुसार मंदिर प्रशासन ने नोटबंदी के दौरान 2016 में अपना चढ़ावा गिना था जिसकी राशि लगभग ढाई करोड़ रुपए सामने आई थी। लेकिन इतनी बड़ी रकम के चलते इनकम टैक्स विभाग की एंट्री इस मामले हो गई, जिसके बाद विभाग द्वारा मंदिर मैनेजमेंट को नोटिस भेजा गया।

आयकर विभाग का दावा:

वहीं इस मामले में आयकर विभाग की माने कि तो मंदिर द्वारा जमा की गई राशि का सोर्स नहीं बताया गया है और न ही चेरिटेबल ट्रस्ट में उसका रजिस्ट्रेशन मौजूद है, साथ ही न इनकम टैक्स में उसकी जानकारी दी गई है। जिसके चलते, आयकर विभाग ने धारा 115-बीबीई के तहत 77.25 प्रतिशत की दर से अतिरिक्त राशि जोड़ी, और 2016 से 2018 तक के ब्याज को जोड़कर साढ़े तीन करोड़ रुपए का बकाया निकाला।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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