दुष्कर्म के इरादे से ले जा रहे थे पत्नी को, विरोध किया तो पति पर तीर से किया हमला 

Atul Saxena
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इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। शिवराज सरकार (Shivraj government)  गुंडे बदमाशों के खिलाफ भले ही प्रदेश में मुहिम चला रही है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में बदमाश बेख़ौफ़ हैं, खुले आम दबंगई करने वाले बदमाश किसी की जान से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूकते।  ताजा मामला बड़वानी जिले का है।  यहाँ बदमाशों ने एक युवक पर तीर (Arrow) से जानलेवा हमला कर दिया। हमले की वजह  ये थी कि बदमाश युवक की पत्नी का दुष्कर्म (Rape) के इरादे से अपहरण (Kidnap) करने आये थे और युवक ने इसका विरोध किया, तो बदमाशों ने युवक के सर में तीर मार दिया।

शनिवार रात बड़वानी से इंदौर के एमवाय अस्पताल में एक ऐसा घायल पहुंचा जिसके सिर में तीर घुसा हुआ था। बताया गया है कि घायल की पत्नी को बदमाश अपहरण कर दुष्कर्म के इरादे से ले जा रहे थे। जब युवक ने इसका विरोध किया तो बदमाशों ने युवक पर तीर से हमला कर दिया जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गया । घायल को परिजन उपचार के लिए एमवाय अस्पताल  लेकर आए जहाँ अब घायल के सिर का ऑपरेशन कर तीर निकाला जाएगा।

दरअसल, उपचार के लिए एमवाय अस्पताल लाये गए घायल का नाम शेर सिंह है। शेर सिंह मूल रूप से बड़वानी जिले के ग्राम बलखडी का रहने वाला है। परिजनों के अनुसार, शनिवार को भारत और कन्हैया अपने कुछ साथियों के साथ आए और शेर सिंह की पत्नी को उठाकर ले जाने लगे,  इस दौरान बदमाशों ने अपने नापाक इरादों को चिल्लाकर  उसके पति को बताने लगे और जब शेर सिंह अपनी पत्नी को बदमाशों के चंगुल से छुड़वाने आया तो बदमाशों ने पहले उसकी पिटाई कर दी और एक के बाद एक कई बार तीर चलकर जानलेवा हमला कर दिया। हमले में  एक तीर शेर सिंह के सिर में घुस गया। हमला करने के बाद बदमाश भाग खड़े हुए। घायल शेर सिंह को परिजन पहले बड़वानी के अस्पताल और बाद में इंदौर के एमवाय अस्पताल  लेकर पहुँचे । फिलहाल  घायल का प्राथमिक उपचार करने के बाद रविवार को डाक्टर ऑपरेशन कर सिर में फंसा तीर निकालेंगे, वही मामले में  पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपियों  की तलाश शुरु कर दी है ।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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