जबलपुर : रिश्ते का कत्ल, नौकरी पाने के लिये पत्नी ने पति को मार डाला

Gaurav Sharma
Published on -

जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर में नगर निगम के कर्मचारी अरविंद राजपूत हत्याकांड में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस ने हत्याकांड में मृतक की पत्नी को गिरफ्तार किया है। जिसने अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए इस वारदात की पूरी साजिश रची थी। महिला ने अपने प्रेमी और एक रिश्तेदार के साथ मिलकर अपने पति को मौत के घाट उतार दिया था। निगमकर्मी अरविंद राजपूत का शव 22 जनवरी को सदर इलाके में स्थित मुर्गी मैदान में पाया गया था।

पत्नी निकली आरोपी

इस वारदात के बाद मृतक की पत्नी ने पुलिस को गुमराह करने के लिए अपने घर में आत्महत्या की कोशिश की थी। पुलिस की जांच में पता चला कि मृतक की पत्नी फेसबुक के जरिए छतरपुर के खेमचंद यादव के संपर्क में आई थी। जिसके बाद दोनों का प्रेम प्रसंग शुरु हो गया था। महिला अपने एक रिश्तेदार से भी लगातार संपर्क में थी और उसने अपने प्रेमी और रिश्तेदार के साथ मिलकर पति को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली।

आरोपी पत्नी और रिश्तेदार गिरफ्तार, प्रेमी है फरार

आरोपियों ने पहले अरविंद को शराब में जहर देकर मारने की कोशिश की थी, लेकिन जब वो कामयाब नहीं हुए तो वो अरविंद को किसी बहाने से ऑटो में बैठाकर सदर स्थित मुर्गी मैदान ले आए, जहां उन्होंने सिर में पत्थर पटककर अरविंद की हत्या कर दी। आरोपी पत्नी अपने पति की अनुकंपा नियुक्ति पाकर अपने प्रेमी के साथ रहना चाहती थी, लेकिन पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा कर दिया। पुलिस ने फिलहाल आरोपी पत्नी और उसके रिश्तेदार को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसका प्रेमी खेमचंद उर्फ राज यादव फरार है।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News