जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। नए साल के साथ ही आपकी जेब पर भी इसका असर पड़ने वाला है अब अगर आप कपड़े की खरीदारी करते है तो आपको बढ़ी हुई कीमत पर कपड़ा खरीदना पड़ेगा, दरअसल एक जनवरी 2022 से कपड़े पर जीएसटी दर पांच से बढ़ाकर 12 फीसद किया जा रहा है। केंद्र सरकार के वित्त विभाग के इस फैसले का विरोध पूरे देश में जताया जा रहा है, मध्य प्रदेश में लगातार व्यापारी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है और किसी भी हाल में इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे है। भोपाल सहित बड़े शहरो के बाद जबलपुर में भी गुरुवार को कपड़ा व्यापरियो ने विरोध जताया और दुकान बंद रखी। पूरे प्रदेश में इस तरह के लामबंद व्यापारियों के प्रदर्शन जारी है। जबलपुर में गुरुवार को शहर के सभी कपड़ा व्यापारियों ने थोक कपड़ा व्यापारी संघ के आव्हान विरोध प्रदर्शन करते हुए अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखे।
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लार्डगंज, बड़ा फुहारा, मालवीय चौक, कोतवाली, गंजीपुरा जैसे बड़े बाजार पूरी तरह बंद रहे, और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। कपड़े के सभी प्रतिष्ठानों में ताले लटके रहे। व्यापारियों का कहना है कि कपड़े पर जीएसटी दर बढ़ाए जाने से व्यापार जहां प्रभावित होगा वहीं गरीब व मध्यम वर्ग की पहुंच से कपड़ा भी दूर हो जाएगा। कपड़ा व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन को जबलपुर चेंबर आफ कामर्स और महाकोशल चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने भी समर्थन दिया है।
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इससे पहले भी व्यापारी लगातार आंदोलन कर रहे है और सरकार के खिलाफ अलग अलग तरीके से अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे है। शहर के आस-पास के बाजार क्षेत्र में पिछले दिनों जीएसटी दर बढ़ाने के विरोध में कपड़ा व्यापारियों ने करीब 20 मिनट तक शाम को अपने प्रतिष्ठानों की लाइट बंद रखी थी। अंधेरे में थाली, ताली बजाकर विरोध दर्ज कराया था। केंद्र सरकार ने कपड़े और जूते पर पांच फीसद जीएसटी को बढ़ाकर 12 फीसद कर दिया है। नई दरें एक जनवरी 2022 से लागू की जाएगी। इस निर्णय के विरोध में लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है। इसमें जवाहर गंज व्यापारी संघ, लार्डगंज, गंजीपुरा सहित सभी व्यापारी शामिल रहे। व्यापारी संगठनों का कहना है कि जब तक जीएसटी दर वापस नहीं होगी प्रदर्शन जारी रहेगा।