जबलपुर।
सरकार की तमाम कोशिशो के बावजूद जब जबलपुर में शासकीय स्कूलों में दसवीं बारहवीं का परीक्षा परिणाम सुधरने की वजाए साल दर साल खराब होता जा रहा था.. जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने शिक्षा विभाग के साथ मिलकर अपने स्तर पर दसवीं बारहवीं का रिजल्ट 2019-20 में सुधारने के लिए कवायद शुरू की थी..लेकिन रिजल्ट पहले से बेहतर करने में जुटे जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग को स्कूल स्तर पर आयोजित हुई तिमाही परीक्षा के रिजल्ट ने तगड़ा झटका दिया है।
जिले में करीब एक सैकड़ा स्कूल ऐसे सामने आए है,जिनका तिमाही परीक्षा का रिजल्ट महज 20 से 30 फीसदी आया है,स्कूलों का यह परीक्षा परिणाम जब शिक्षा विभाग के मुख्यालय पहुंचा तो वहां न केवल जबलपुर जिले की जमकर किरकिरी हुई, बल्कि जबलपुर के जिम्मेदार अधिकारियों को जमकर फटकार भी पड़ी….जिसके बाद जिला शिक्षा विभाग की रिपोर्ट और रिजल्ट की समीक्षा के बाद जबलपुर कलेक्टर भरत यादव ने 20 से 30 फीसदी से कम परीक्षा परिणाम लाने वाले स्कूलों के प्रिंसिपल और टीचरों की जबावदेही तय करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है।साथ ही इन स्कूलों की निगरानी के लिए अपने अधीनस्थ अधिकारियों को जिम्मा सौंपा है।
दरअसल जबलपुर कलेक्टर भरत यादव ने बीते दिनों शिक्षा की गुणवत्ता और रिजल्ट को सुधारने के लिए जिले के सभी शासकीय स्कूलों के प्रिंसिपल के साथ समीक्षा बैठक की थी…जिसमे कलेक्टर ने सभी स्कूलों के प्रिंसिपलों से कहा था कि वह पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारे,रोजाना छात्र छात्राओं की पढ़ाई की मॉनिटरिंग करने के साथ तिमाही परीक्षा को इस तरह से आयोजित कराए, ताकि छात्र छात्राएं के बोर्ड परीक्षा में शामिल होने की तैयारियों की वास्तविक स्तिथि पता चल सकें,ताकि प्रदेश में हाई और हायर सेकेंडरी की परीक्षाओं में 44 वें पायदान पर आने वाले जबलपुर के स्तर को सुधारा जा सकें।
तिमाही परीक्षा के बाद शिक्षा विभाग पहुंचे रिजल्ट की समीक्षा जब कलेक्टर भरत यादव ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ स्कूलों के प्रिंसिपल के साथ की तो इस बात का खुलासा हुआ,कि जिले में ऐसे करीब एक सैकड़ा शासकीय स्कूल ऐसे है, जिनका तिमाही परीक्षा परिणाम 20 से 30 फीसदी आया है, साथ ही इन स्कूलों में पढ़ाई का स्तर दूसरे शासकीय स्कूलों से भी बेहद कमजोर है…जिस पर कलेक्टर भरत यादव ने नाराजगी जाहिर करते हुए इन स्कूलों के प्रिंसिपल और शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर खराब रिजल्ट के लिए जबाव मांगा है,साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारियों को खराब रिजल्ट देने वाले इन स्कूलों की मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा है,कलेक्टर भरत यादव की माने तो जब इन स्कूलों की मॉनिटरिंग अधिकारी करेगें तो शिक्षक स्कूलों में पूरा समय मौजूद होकर पढ़ाई कराएंगे,साथ ही स्कूलों में छात्र छात्राओं की उपस्थिति भी शत प्रतिशत हो सकेगी…साथ ही इससे स्कूलों का रिजल्ट में पहले से काफी हद तक सुधार हो सकेगा।