सड़क पर कार दौड़ा रहा था दिव्यांग, नजारा देख जबलपुर पुलिस हुई हैरान और फिर..

Pooja Khodani
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जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर ट्रैफिक पुलिस (Jabalpur Traffic Police) ने आज वाहन चेकिंग (Vehicle Checking) के दौरान ब्लूम चौक के पास एक कार चालक को रोककर जब उसे कार से उतारा तो पुलिस भी हैरान रह गई,कार चालक का ना ही एक हाथ था और ना ही एक पैर और चालक फर्राटा से कार (Car) दौड़ा रहा था,लायसेंस न होने के कारण पुलिस ने कार जप्त कर वैधानिक कार्यवाही शुरू कर दी।

कटनी का रहने वाला है दिव्यांग कार चालक।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि कार चालक का नाम राम सुदर्शन राय है जो कि रिटायर्ड शिक्षक है और मूलतः कटनी का रहने वाला है।कार चालक किसी काम से जबलपुर आया हुआ था, आज जैसे ही उसकी कार ब्लूम चौक से निकली तो ट्रैफिक डीएसपी (DSP) को उनकी कार में लगे नंबर लाल रंग से लिखे दिखे, जिसके बाद उन्हें जब कार को रोका तो पाया कि कार चालक एक हाथ और एक पैर से ही कार चला रहा था।

ट्रेन दुर्घटना में गंवा दिए थे एक हाथ और एक पैर
राम सुदर्शन राय ने बताया कि वह पेशे से शिक्षक है और रिटायर्ड है अविवाहित होने के चलते वह अकेले ही रहते है, उन्होंने बताया कि 1984 में ट्रेन में हुई दुर्घटना के चलते उनका एक हाथ और पैर कट गया था राम सुदर्शन राय किसी पर बोझ नही बनना चाहते थे इसलिए उन्होंने उन्होंने गाड़ी चलाना सीखा, आज फर्राटे से राम सुदर्शन राय कार-बाइक चलाते है।

पुलिस भी देखकर रह गई हैरान
ट्रैफिक डीएसपी ने जब दिव्यांग राय को फर्राटे से कार चलाते हुए देखा तो वह भी कुछ देर के लिए उन्हें देखते ही रह गए कि आखिर कैसे एक व्यक्ति जिसका एक पैर और हाथ नहीं है वह फर्राटे से कार दौड़ा रहा है।

कार चालक पर होगी यातायात नियमों के उल्लंघन की कार्यवाही
कार चालक राम सुदर्शन राय को ट्रैफिक पुलिस ने कार सहित थाने में लेकर आई है जहां उनके खिलाफ यातायात के नियमों (Traffic rules) का उल्लंघन करने को लेकर चलानी कार्यवाही की जाएगी, इस दौरान भरत प्रसाद सलोकी ने कहा कि निश्चित रूप से उन्होंने यातायात के नियमों का उल्लंघन किया है पर कहीं ना कहीं एक हाथ और एक पैर से कार चलाकर लोगों को यह भी बता रहे है कि दिव्यांग होना आज किसी तरह का अभिशाप नहीं है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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