जबलपुर, संदीप कुमार | मध्यप्रदेश के जबलपुर में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के कारण लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। बता दें कि घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल बन गया। जानकारी के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 4.3 सेकेंड थी। भूकंप के झटके सबसे ज्यादा पाटन, मेडिकल, रांझी और रानी दुर्गावती समाधि स्थल के पास महसूस किए गए। जबलपुर निवासी राजू पटेल ने बताया कि वह अपने घर पर सो रहे थे। तभी अचानक उन्हें बेड हिलने का एहसास हुआ, वह घर से तुरंत बाहर आ गए तो देखा कि बहुत से लोग अपने अपने घरों के बाहर खड़े हुए हैं। बताया जा रहा हैं भूकंप करीब 8:44 पर आया था। बता दें कि पूरे प्रदेश में 3.9 तीव्रता का हल्का-मध्यम भूकंप दर्ज हुआ है, जिसका हाइपोसेंटर 10 किमी गहराई पर था। जिससे डिंडोरी, जबलपुर, मंडला, अनूपपुर, बालाघाट, उमरिया जिले प्रभावित हुए हैं।
हालांकि, भूकंप की तीव्रता बहुत कम थी जिसके कारण बहुत कम लोंगों को इसका एहसास हुआ। भूकंप का केंद्र बिंदु जबलपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर डिंडोरी तरफ बताया जा रहा हैं। बताया जा रहा हैं कि जबलपुर में 4.3 तीव्रता का एक भूकंप आया। भारत के मध्य प्रदेश में 4.3 तीव्रता का मध्यम तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था। भूकंप डिंडोरी के आसपास केंद्र बिंदू बताया जा रहा हैं। वहीं, घटना के बीतने के कुछ मिनटों बाद ही लोग सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी शेयर करने लगे। बता दें कि लोगों ने सिवनी क्षेत्र में आए भूकंप की खबर को सोशल मीडिया जैसे- फेसबुक, वॉट्सऐप में पोस्ट की है।
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बता दें कि भूकंप ऐसी प्राकृतिक आपदा है जिसका पहले से भविष्यवाणी लगा पाना बेहद मुश्किल है लेकिन हां, भूकंप आने के बाद इसकी तीव्रता को जरुर मापा जा सकता है और कभी-कभी तो इसके झटके इतनी ज्यादा विनाशकारी होते हैं कि अपने साथ कई सारे लोगों को अपनी चपेट में ले लेते हैं। यह अधिकतर ज्यादा ऊंची-ऊंची बनी इमारत वाले स्थान पर तबाही मचाता है और यहां भूकंप का खतरा सबसे ज्यादा बड़ी इमारतों पर होता है। भूकंप आने से कई बार भूमि फट जाता है, बिजली तार इधर-उधर गिर जाती है, जिससे बहुत सारे नुकसान हो जाते हैं।
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इन दिनों पूरी दुनिया में देश कहीं ना कहीं प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित है। कहीं पर बाढ़ जैसे हालात हैं तो कहीं, चक्रवाती तूफान ने अपना कहर मचा रखा है, कहीं भूकंप के तेज झटके महसूस किए जा रहे हैं तो कहीं, ग्लेशियर पिघल कर सभी की चिंता बढ़ा रहा है। इन सब प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए किसी सुरक्षित स्थान पर जाकर खुद को बचा सकते हैं।
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