जबलपुर, संदीप कुमार। करीब तीन साल पहले मदनमहल पहाड़ी से विस्थापित कर सैकड़ों परिवारों को तिलहरी में बसाया गया था। विस्थापन करते समय जिला प्रशासन ने वादा किया था कि उन्हें तमाम वो सुविधाए दी जाएंगी जो यहाँ मिल रही है। प्रशासन के झांसे ने आकर सैकड़ों लोग तिलहरी में जाकर बस तो जरूर गए पर उन्हें कोई भी सुविधा नहीं मिल पाई है। इससे नाराज लोगो ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया।
नाराज विस्थापितों ने घेरा कलेक्टर कार्यालय, समझाती रही पुलिस
करीब तीन साल से विस्थापन का दंश झेल रहे लोगो ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की। पुलिस विस्थपित लोगो को समझा रही थी तो इधर लोग जिला प्रशासन हाय-हाय के नारे लगा रहे थे। स्थानीय लोगो का कहना था कि जिला प्रशासन ने लुभावने सपने दिखाते हुए हमें तिलहरी में विस्थपित तो कर दिया पर मूलभूत सुविधाएं से वंचित रखा गया।
न जमीन है न छत, जंगली जानवरों का भी लगा रहता है डर
विस्थपित लोगो की मानें तो जिला प्रशासन ने विस्थापन के समय कहा था कि तिलहरी में सभी लोगो को मकान बना कर देंगे। सड़क होगी, बच्चों के स्कूल भी होंगे पर आज तीन साल बीत जाने के बाद भी हालत जस के तस हैं। बच्चो ंके लिए स्कूल नही है, शासकीय उचित मूल्य की दूकान पर राशन नही मिलता, हमेशा जंगली जानवरों का डर बना रहता है।
तीन साल में 12 लोगो की हो चुकी है मौत
जानकारी के मुताबिक जिस तिलहरी में जिला प्रशासन ने मदन महल पहाड़ी में रहने वाले लोगो को बसाया है बहा पर अभी तक करीब 12 लोगो की मौत हो चुकी है। इसकी वजह लोगो ने बताई की समय पर ईलाज नही मिला और जब तक उन्हें मेडिकल ले जाया गया तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। इतना सब होने के बाद भी जिला प्रशासन अब तक सुध नही ली है।
तहसीलदार ने दिया आश्वासन
कलेक्टर गेट पर करीब एक घण्टे तक हंगामा विस्थपित लोग करते रहे और पुलिस उन्हें मनाती रही, आखिरकार तहसीलदार प्रदीप मिश्रा मौके पर पहुँचे और विस्थपित लोगो को उनकी हर सुविधा देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा गया तब जाकर विस्थापितों का आंदोलन खत्म हुआ।
मदन-महल पहाड़ी को बनाया जा रहा है हेरिटेज प्लेस।
करीब तीस साल से मदन महल पहाड़ी में बसे सैकड़ो परिवारों को वहां से तिलहरी में विस्थपित करने का जिला प्रशासन का मुख्य उद्देश्य ये था कि पहाड़ी को पूरी तरह से हरा भरा कर हेरिटेज प्लेस बनाया जाएगा।