पूर्व बिशप पी.सी सिंह को हाई कोर्ट से नहीं मिली जमानत, पढ़े पूरी खबर

Amit Sengar
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जबलपुर, संदीप कुमार। मिशनरी को आवंटित सरकारी जमीनों में फर्जीवाड़ा करने वाले पूर्व बिशप पी.सी सिंह (former bishop pc singh) को हाई कोर्ट से जमानत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर पीसी सिंह को जमानत दी जाती है तो वह जेल से बाहर आकर साक्ष्य प्रभावित कर सकते हैं, लिहाजा अभी पूर्व बिशप पी.सी सिंह को जेल में ही रखा जाए। हाईकोर्ट में जस्टिस नंदिता दुबे की एकल पीठ ने सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है।

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पूर्व बिशप पी.सी सिंह की तरफ से पेश किए गए जमानत आवेदन में कहा गया कि बिशप पी.सी सिंह लंबे समय से जेल में है और उनके खिलाफ ईओडब्ल्यू जो जांच कर रही थी वह भी लगभग पूरी हो चुकी है, इसलिए उन्हें अब जमानत का लाभ दिया जाए। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने कोर्ट को बताया कि पी.सी सिंह पर देश के अलग-अलग हिस्सों में कई मामले दर्ज हैं। और लगातार ईओडब्ल्यू छापामार कार्रवाई कर इस फर्जीवाड़े का खुलासा भी कर रही है। इस दौरान अगर पी.सी सिंह को जमानत दी जाती है तो वह जेल से बाहर आकर सबूत और गवाह को प्रभावित कर सकते हैं।

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हम आपको बता दें कि यह हाल ही में जबलपुर ईओडब्ल्यू ने पूर्व बिशप पी.सी सिंह के घर पर छापामार कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपए की नगदी, जेवरात सहित विदेशी मुद्राएं भी जप्त की थी। जांच के दौरान ईओडब्ल्यू ने यह भी पाया था कि पी.सी सिंह ने मिशनरी को आवंटित की गई सरकारी जमीन में फर्जीवाड़ा करते हुए उन्हें बेचा था, जिसमें कि उसका बेटा पीयूष पाल और खासमखास सुरेश जेकब भी शामिल थे।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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