रविवार अनलॉक पर पूर्व मंत्री का बयान ,कहा-लॉक डाउन से निचला तबका हुआ बुरी तरह प्रभावित

Gaurav Sharma
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जबलपुर,संदीप कुमार।कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए अभी तक सप्ताह में एक दिन रविवार को लॉक डाउन लगाया जाता था पर सरकार ने सप्ताह में एक दिन के लॉक डाउन को भी समाप्त कर दिया है।लॉक डाउन खत्म होने को लेकर पूर्व सामाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया ने भी अपनी सहमति जताई है। साथ ही उन्होंने कहा है कि लॉक डाउन करना किसी प्रकार का हल नही है पर सरकार लॉक डाउन खत्म कर इसका राजनीतिकरण न करे ये भी देखना होगा।

पूर्व मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार इस वैश्विक बीमारी से लड़ने में नाकाम साबित हुई है, जिसकी वजह है कि 65,000 कोरोना केस अभी तक प्रदेश में आ चुके हैं।कोरोना काल मे लोगों को राहत देने की वजह मुख्यमंत्री इलेक्शन मोड़ में आ गए है, यही कारण है कि इस समय सीएम शिवराज सिंह इलेक्शन को देखते हुए घोषणा कर रहे है।

वही लॉक डाउन खत्म करने पर पूर्व मंत्री ने कहा कि लॉक डाउन से निचला तबका बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। लॉक डाउन खत्म कर दिया गया है ये अच्छी बात है पर इस लॉक डाउन का भाजपा सरकार राजनीति फायदा न उठाये और अगर ऐसा सरकार ने किया तो प्रदेश की जनता उन्हें कभी माफ नही करेगी।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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