जबलपुर, संदीप कुमार। नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन (remdesivir injection) मामले में लिप्त सिटी अस्प्ताल (city hospital) के कारनामें परत दर परत खुल रहे है, एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ है की जिन मरीजों को अस्प्ताल में नकली इंजेक्शन लगाए गए थे उनके कम्प्यूटर बिल से रेमडेसिवीर गायब किए जा रहे है। लिहाजा एसआइटी अस्प्ताल के एकाउंटेट से पूछताछ कर रही है अगर साबित होता है कि मरीजो के दिए जाने वाले बिल से हेराफेरी की गई है तो उसके खिलाफ भी एफआईआर (FIR) दर्ज की जाएगी।
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एसआइटी प्रमुख रोहित कासवानी ने बताया कि अभी तक करीब 209 नकली इंजेक्शन मरीजों को लगाए गए है जिसमें से कुछ की मौत भी हुई है, एसआइटी मृतक मरीजो की संख्या जुटाने में भी लगी हुई है, इधर जब एसआइटी ने अस्प्ताल के रिकॉर्ड खंगाले तो कम्प्यूटर में फीड बिल में संशोधन पाया गया, जिसके बाद पुलिस ने इस गड़बड़ी पकड़ते हुए अस्प्ताल के एकाउटेंट से पूछताछ शुरू कर दी।
एसआईटी प्रमुख की माने तो इस नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन मामले में लिप्त गुजरात जेल में बंद सपन जैन और अन्य आरोपियों को जल्द ही पुलिस जबलपुर लेकर आएगी। वहीं नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह के सरगना पुनीत शाह और कौशल वोरा के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी करवाया गया है।
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आरोपियो के एकाउंट और मोबाइल की हो रही है जांच
इस मामले में जितने भी अभी तक आरोपी बने है उन सभी लोगो के खातों की एसआइटी जांच कर रही है साथ ही मोबाइल से भी डाटा रिकवर किया जा रहा है। जिसमें की कई बड़े राज छिपे हुए हो सकते है। वहीं फरार आरोपी हरकरण मोखा और राकेश शर्मा जो कि फरार चल रहे है पुलिस भी उन्हें जल्द गिरफ्तार करेगी।
नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन से जुड़े मामले में अभी तक मध्यप्रदेश और गुजरात पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है वही फरार आरोपी हरकरण मोखा और राकेश शर्मा की चल अचल संपत्ति का विवरण निकाला जा रहा है जिसे जल्द ही सीज करने की कार्यवाही भी की जाएगी।