जबलपुर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा फिर सुर्खियों में

Published on -

जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना संक्रमण पूरे देश में कहर बनाकर टूटा, प्रदेश में भी ऐसे कई परिवार है जो कोरोना की भेंट चढ़ गए, कई परिवार तबाह हो गए और कई बच्चे अनाथ, माता पिता ने इस कहर में अपने बच्चे खो दिए और कई परिवारों में बच्चों ने अपने माता पिता को इस महामारी में गंवा दिया, जबलपुर में  ऐसे ही अनाथ बच्चों के लिए कलेक्टर ने अब उनके उज्जवल भविष्य का जिम्मा संभाला है, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा ने शनिवार को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना अंतर्गत कोरोना काल में अनाथ हुये बच्चों की शिक्षा-दीक्षा व उनका बेहतर भविष्य बनाने के लिये कलेक्ट्रेट में बैठक बुलाई। इस बैठक में ऐसे बच्चों की शिक्षा पर योजना के तहत कार्य करने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए।

यह भी पढ़ें… करोड़पति बन कर ही मानते हैं इन तारीखों में जन्मे लोग, अगर ठान लें तो हर मुश्किल होती है आसान

दरअसल केंद्र और राज्य सरकार ने इस महामारी में जान गवाने वाले ऐसे माता पिता के अनाथ हो गए बच्चों के लिए योजना शुरू की है, जिसे अब जिला प्रशासन को जमीनी स्तर पर उतारना है इसी के तहत जबलपुर कलेक्टर ने यह बैठक बुलाई, ऐसे बच्चों को कोविड बाल कल्याण योजना के साथ पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना से लाभांवित किया जायेगा। बैठक के दौरान पन्द्रह बच्चों के नाम सामने आये जिन्हे इस योजना से लाभांवित करने के निर्देश दिये गये। वही इस योजना के तहत पॉंच बच्चों ने केन्द्रीय विद्यालय में भर्ती के लिये अपनी सहमति दी है। शेष बच्चें अशासकीय स्कूल में हैं, जिनकी फीस रिएम्बर्स कराने को कहा। कलेक्टर ने स्पष्ट कहा- कि बच्चों के मामलें में लापरवाही बर्दाश्तनहीं की जाएगी।

यह भी पढ़ें.. CBSE : Term-2 परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण सूचना, परीक्षा केंद्र-डेट शीट पर आई नई अपडेट, छात्रों के लिए जानना जरुरी

कलेक्टर ने निर्देश देते हुए कहा कि कोविड काल में जिन बच्चों के माता-पिता नहीं रहे उनके बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा सुनिश्चित की जायेगी। बैठक में मौजूद अधिकारियों और केन्द्रीय स्कूल के प्राचार्यो को केलक्टर ने जानकारी भी दी कि इन बच्चों को कोविड बाल सहायता योजना अंतर्गत पांच हजार रूपये प्रतिमाह दिया जा रहा है और पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के अंतर्गत उन बच्चों के डीएम के साथ संयुक्त खाते में दस-दस लाख जमा भी हो चुके हैं। जो 18 से 23 साल के बीच उन्हें उसका ब्याज भी मिलेगा और 23वें साल के बाद वह एक मुश्त 10 लाख रूपये मिलेगा, जिससे बच्चा अपने उक्त शिक्षा व बेहतर रोजगार पा सकता है। इस पूरी बैठक के दौरान कलेक्टर ने एक एक बच्चे से खुद बात की और अपना मोबाईल नंबर भी उन्हे दिया और कहा कि किसी भी तरह की कोई परेशानी उन्हे आती है तो बच्चे उन्हे फौरन कॉल कर सकते है। बैठक में अपर कलेक्टर,जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास, केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य तथा बच्चे व उनके संरक्षक उपस्थित रहे।


About Author

Harpreet Kaur

Other Latest News