JABALPUR NEWS : जबलपुर संभागीय कमिश्नर ने लापरवाह बरतने पर बड़ी कार्रवाई की है, कमिश्नर अभय वर्मा ने कलेक्टर नरसिंहपुर के प्रतिवेदन पर सिविल सर्जन सह-अस्पताल अधीक्षक नरसिंहपुर डॉ. ए.आर. मरावी को उनकी लापरवाही पर तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है।
यह है मामला
दरअसल 25 मार्च को गाडरवारा के ककराघाट में दो बच्चे गहरे पानी में जाने से डूब गये थे जिससे एक बच्चा की घटना स्थल पर ही मृत्यु हो गई तथा दूसरा बच्चा को नरसिंहपुर जिला चिकित्सालय रेफर किया गया जहां से उसे जबलपुर रिफर कर दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम में चिकित्सकीय प्रकरण के संबंध में डॉ० ए०आर० मरावी द्वारा न तो फोन रिसीव किया गया और न ही जिला चिकित्सालय में उपस्थित हुए। इसी प्रकार 16 फरवरी को सायं 7 बजे तेंदुखेडा के पास एक पिकअप वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार व्यक्तियों को गंभीर चोटे होने से 30 लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तेंदुखेडा से जिला चिकित्सालय नरसिंहपुर रिफर किया गया था। जिला चिकित्सालय नरसिंहपुर में 24 व्यक्ति आये थे जिसमें 13 व्यक्तियों को गंभीर एवं 3 व्यक्तियों को अतिगंभीर चोटे आई थी। जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारी जिला चिकित्सालय नरसिंहपुर में उपस्थित रहे परंतु डॉ० ए०आर० मरावी, सिविल सर्जन न तो जिला चिकित्सालय में उपस्थित हुए और न ही इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया। उनके द्वारा विभागीय दायित्व में कोई रूचि नहीं ली गई। साथ ही विभिन्न जिला स्तरीय बैठकों में बगैर किसी जानकारी के अनुपस्थित रहते है।
घोर लापरवाही
आदेश में कहा गया कि जिला चिकित्सालय में सोनोग्राफी मशीन बंद होना पाया गया। इसके साथ ही प्रसव के दौरान जिला चिकित्सालय में 3 अक्टूबर 2023 को एवं 12 अक्टूबर 2023 को 2 महिलाओं की मृत्यु हो गई। 09 दिनों में दो महिलाओं की मृत्यु होने पर कलेक्टर नरसिंहपुर ने स्पष्टीकरण चाहा परंतु डॉ मरावी द्वारा जवाब नहीं दिया गया। कमिश्नर अभय वर्मा ने कहा कि सिविल सर्जन के उपरोक्त कृत्य मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 के विपरीत होकर कदाचरण की श्रेणी में आता है। अतः आचरण नियमों का उल्लंघन करने एवं कर्तव्य के प्रति गंभीर लापरवाही बरतने के फलस्वरूप डॉ. ए.आर. मरावी को मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम-9 के प्रावधानों के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।